मुंबई: बॉलीवुड की मशहूर निर्देशक और कोरियोग्राफर फराह खान का आज 9 जनवरी को 60वां जन्मदिन है। वह सिर्फ अपनी कोरियोग्राफी के लिए नहीं, बल्कि अपनी निर्देशन और टीवी होस्टिंग के लिए भी जानी जाती हैं। बैकग्राउंड डांसर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत करने वाली फराह खान ने फिल्मों की दुनिया में कदम रखा और वहां अपनी मेहनत और प्रतिभा के बल पर खुद को स्थापित किया। लेकिन उनके लिए यह सफर कभी भी आसान नहीं था। आइए जानते हैं उनके जीवन के संघर्षों और सफलता की कहानी, जो आज सबकी चहेती फराह खान को बनाने में सहायक रही।
पिता की फ्लॉप फिल्मों ने बदल दी जिंदगी
फराह खान ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनका बचपन शुरुआत के पांच सालों तक काफी अच्छा था। उनके पिता कामरान खान डायरेक्टर, प्रोड्यूसर और एक्टर थे, लेकिन वह बी-ग्रेड फिल्मों से जुड़े हुए थे, ना कि ए-ग्रेड फिल्मों से। उनके पिता ने एक ए-ग्रेड फिल्म बनाने की कोशिश की, लेकिन वह फिल्म फ्लॉप हो गई और इसके बाद फराह का परिवार अचानक गरीबी में आ गया। इस घटना ने उनके जीवन की दिशा को पूरी तरह से बदल दिया और इसके बाद उनका परिवार लगभग 15 सालों तक संघर्ष करता रहा।
पिता के अंतिम संस्कार के लिए पैसे नहीं थे
फराह खान के भाई साजिद खान ने ‘बिग बॉस 16’ में एक बार यह खुलासा किया था कि उनके पिता कामरान खान ने अपनी सारी जमा पूंजी फिल्म में गंवा दी थी। इसके बाद वह नशे के आदि हो गए थे, जिससे उनका स्वास्थ्य खराब हो गया। उस समय फराह और उनका परिवार बेहद बुरे हालात से गुजर रहा था। फराह ने बताया था कि उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वे अपने पिता का अंतिम संस्कार कर सकें। तब महज 15 साल की उम्र में फराह को लोगों से चंदे के लिए पैसे मांगने पड़े थे।
सलमान खान के पिता ने बढ़ाया हाथ, 6 साल स्टोर रूम में रहे
फराह के परिवार को मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन किसी भी रिश्तेदार ने मदद नहीं की। इस कठिन समय में सलमान खान के पिता सलीम खान सामने आए। उन्होंने न केवल कामरान खान का अंतिम संस्कार करवाया, बल्कि फराह और उनके परिवार को आर्थिक मदद भी दी। फराह ने एक बार बताया था कि उस वक्त उनके पास रहने के लिए घर नहीं था और उन्हें और उनकी मां को लगभग 6 साल तक एक स्टोर रूम में रहना पड़ा।
संघर्ष से सफलता की ओर
इन सभी कठिनाइयों के बावजूद फराह खान ने हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी मेहनत और दृढ़संकल्प से फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाई और आज वह एक सफल निर्देशक और कोरियोग्राफर के रूप में जानी जाती हैं। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि संघर्ष चाहे जैसा हो, अगर संकल्प मजबूत हो, तो किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है।