मोदीनगर: निर्वाण फाउंडेशन ने उपजिलाधिकारी को एक प्रार्थना पत्र सौंपा है, जिसमें उन्होंने मोदीनगर और मुरादनगर क्षेत्र में एनएच 34 नेशनल हाईवे की जर्जर स्थिति और सड़क पर बरसात का पानी भरने के कारण हो रही दुर्घटनाओं की ओर ध्यान दिलाया है। फाउंडेशन ने मांग की है कि सड़क सुधार होने तक संबंधित विभागों और कंपनियों से पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिलाने का आदेश पारित किया जाए।
सड़क की दुर्दशा और जनता की परेशानी
निर्वाण फाउंडेशन के संस्थापक, ईश्वर चंद्र ने बताया कि मोदीनगर और मुरादनगर के नगरपालिका क्षेत्र में दिल्ली-Meerut रोड पर नाला न बनने और पानी की निकासी न होने से सड़कें जर्जर हो चुकी हैं। इससे यहां से गुजरने वाले यात्रियों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। फाउंडेशन ने कहा कि सड़क पर पानी भरने और टूटी सड़कों के कारण हर दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं, जिनमें कई लोगों की जान जा चुकी है या वे गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं।
व्यापारियों पर बुरा असर
फाउंडेशन ने यह भी बताया कि सड़कों की दयनीय स्थिति से स्थानीय व्यापारियों पर बुरा प्रभाव पड़ा है। यातायात के कठिनाइयों और पानी की निकासी की समस्या के चलते ग्राहकों की संख्या में भारी गिरावट आई है, जिससे छोटे व्यापारियों और दुकानदारों की आजीविका पर असर पड़ा है। कई व्यापारी पलायन करने को मजबूर हैं, जिससे व्यापारिक माहौल खराब हो रहा है।
निर्वाण फाउंडेशन की मांगें
फाउंडेशन ने निम्नलिखित समस्याओं को प्रमुखता से उठाया:
टूटी सड़क और पानी की निकासी न होने के कारण हो रही दुर्घटनाओं में जान-माल की हानि।
मरीजों को समय पर अस्पताल न पहुंचा पाने के कारण कई लोगों की एम्बुलेंस में ही मौत।
विद्यार्थियों और नौकरीपेशा लोगों को समय पर गंतव्य तक न पहुंच पाने से उनकी पढ़ाई और रोजगार पर असर।
पानी की निकासी न होने से मकानों और दुकानों में सीलन और नुकसान।
उद्योग और रोजगार पर प्रभाव
ईश्वर चंद्र ने कहा कि अगर सड़कों की मरम्मत और पानी की निकासी की व्यवस्था ठीक हो जाती है, तो मोदीनगर और आसपास के क्षेत्रों में उद्योग स्थापित होने की संभावना बढ़ेगी, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। फाउंडेशन ने संबंधित विभागों से तत्काल मुआवजा दिलाने और समस्याओं का समाधान करने की मांग की है।