नई दिल्ली: सर्दियों का मौसम अधिकांश लोगों को पसंद आता है, लेकिन यह मौसम कई स्वास्थ्य समस्याओं को भी जन्म देता है। खासकर अस्थमा, सीओपीडी और ब्रोंकाइटिस जैसी श्वसन संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए यह मौसम चुनौतियों से भरा हो सकता है। ठंडी हवा, वायरस और बैक्टीरिया जब नाक और मुंह के माध्यम से श्वसन नली तक पहुंचते हैं, तो सूजन और संक्रमण के कारण फेफड़ों तक ऑक्सीजन की उचित आपूर्ति में रुकावट आ जाती है, जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है।
सर्दी का मौसम और श्वसन संबंधित समस्याएं
सर्दी का मौसम न सिर्फ श्वसन समस्याएं उत्पन्न करता है, बल्कि इससे वायरल बुखार, सर्दी, खांसी, एलर्जी, गले में खराश और टॉन्सिल जैसी समस्याएं भी बढ़ जाती हैं। जब शरीर में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, तो सांस लेने में परेशानी के साथ-साथ अन्य शारीरिक समस्याएं भी उभर सकती हैं।
ईएनटी से जुड़ी समस्याएं सर्दियों में ज्यादा बढ़ती हैं
ईएनटी (कान, नाक और गला) से जुड़ी बीमारियां सर्दियों में अधिक आम हो जाती हैं। ठंडी का मौसम नाक, कान और गले पर सीधा असर डालता है, जिससे बैक्टीरिया और वायरस के शरीर में प्रवेश करने की संभावना बढ़ जाती है। इसके परिणामस्वरूप एलर्जिक संक्रमण, वायरल बुखार, सर्दी, खांसी, गले में खराश और टॉन्सिल जैसी समस्याएं होती हैं।
ईएनटी से जुड़ी इन समस्याओं को नियंत्रित करने के लिए प्राणायाम, आयुर्वेदिक उपायों और गर्म पानी से गरारे करना अत्यंत लाभकारी साबित हो सकता है।
अस्थमा के मरीजों के लिए टिप्स
.गुनगुने पानी से गरारे करें: पानी में नमक मिलाकर गुनगुने पानी से गरारे करने से गले में राहत मिलती है।
.भाप लें: अगर आवश्यक हो तो भाप लें, यह श्वसन तंत्र को राहत देता है और गले की सूजन को कम करता है।
नाक में सूखापन से राहत के उपाय
. तेल, जैतून तेल या विटामिन ई का उपयोग करें: इन तेलों को नाक में लगाने से नाक का सूखापन कम होता है।
.घी का उपयोग करें: नाक के अंदर थोड़ा घी भी लगाने से सूखापन कम हो सकता है।
गले में खराश के लिए उपाय
.नमक के पानी से गरारे करें: यह गले में सूजन और खराश को कम करने में मदद करता है।
.बादाम के तेल के साथ नस्यम करें: इससे गले को सुकून मिलता है और खराश में राहत मिलती है।
.मुलेठी चूसें: मुलेठी गले की समस्याओं को दूर करने के लिए बहुत फायदेमंद है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय
.गिलोय और तुलसी का काढ़ा पिएं: यह शरीर की इम्युनिटी को बढ़ाता है और सर्दी-खांसी से बचाव करता है।
.हल्दी वाला दूध पिएं: यह शरीर को गर्मी प्रदान करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है।
.मौसमी फल खाएं: सर्दी में मौसमी फल जैसे संतरा, अमरूद, सेब आदि में मौजूद विटामिन सी इम्युनिटी को बढ़ाते हैं।
.बादाम और अखरोट का सेवन करें: यह न सिर्फ शरीर के लिए फायदेमंद हैं, बल्कि इम्युनिटी भी मजबूत करते हैं।
आंखों की एलर्जी के उपाय
.आंखों को ठंडे पानी से धोएं: यह आंखों को शांति देता है और एलर्जी को कम करता है।
.गुलाब जल डालें: आंखों में गुलाब जल डालने से आराम मिलता है।
.दूध और महात्रिफला घी का सेवन करें: यह आंखों की समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।
कफ निकालने के उपाय
रीठा और सोंठ का मिश्रण: 100 ग्राम पानी में एक चम्मच रीठा, एक चुटकी सोंठ और काली मिर्च पाउडर डालकर उबालें। फिर इसे छानकर नाक में 2-3 बूंद डालें। इससे कफ जल्दी बाहर निकलता है और सिरदर्द की समस्या भी दूर होती है।
निष्कर्ष:
सर्दियों के मौसम में ईएनटी से जुड़ी बीमारियों से बचने के लिए प्राचीन आयुर्वेदिक उपायों और प्राणायाम का पालन करना बेहद फायदेमंद हो सकता है। सही खानपान, घरेलू नुस्खे और श्वसन तंत्र को सही रखने के उपायों से सर्दी-खांसी, गले की खराश, एलर्जी और अन्य श्वसन समस्याओं से राहत मिल सकती है।