बिजली कर्मचारी ने पैसे लेकर लगाए प्राइवेट मीटर, ‘फ्री बिजली’ का झांसा देकर करता था धोखाधड़ी
जोधपुर में बड़ा खुलासा, विजिलेंस टीम ने पकड़ा फर्जीवाड़ा
जोधपुर: शहर में बिजली विभाग के एक कर्मचारी की चालाकी का भंडाफोड़ हुआ है। बिलाड़ा सब-स्टेशन अटेंडर (SSA-II) प्रवीण कुमार मेघवाल ने लोगों से 5 से 7 हजार रुपए लेकर प्राइवेट कंपनी के मीटर लगा दिए और फ्री बिजली का झांसा दिया।
मामला तब खुला, जब एक उपभोक्ता का लगातार तीन महीने तक बिजली बिल शून्य आया। विजिलेंस टीम ने जांच के लिए मीटर स्कैन करने की कोशिश की, लेकिन वह स्कैन नहीं हुआ। संदेह होने पर जब मीटर बॉक्स खोला गया, तो पाया गया कि वह बिजली विभाग का नहीं, बल्कि किसी प्राइवेट कंपनी का था।
धोखाधड़ी करने वाला कर्मचारी गिरफ्तार
बिजली विभाग को जब इस फर्जीवाड़े की सूचना मिली तो डिस्कॉम एएसपी (विजिलेंस) नरेंद्र सिंह चौधरी के नेतृत्व में कार्रवाई की गई। 28 फरवरी को आरोपी प्रवीण मेघवाल को गिरफ्तार किया गया और शनिवार को कोर्ट में पेश कर उसे जेल भेज दिया गया।
बिजली विभाग ने आरोपी कर्मचारी को तुरंत निलंबित कर दिया और उसके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला बिलाड़ा थाने में दर्ज कराया गया।
कैसे करता था ठगी?
प्रवीण मेघवाल उपभोक्ताओं को बिजली बिल शून्य आने का झांसा देता था।
5 से 7 हजार रुपए लेकर प्राइवेट मीटर लगाता था।
उपभोक्ता को भरोसा दिलाने के लिए कहता था कि अब उन्हें बिल नहीं भरना पड़ेगा।
विजिलेंस टीम की जांच में पूरा फर्जीवाड़ा सामने आ गया।
विजिलेंस टीम ने की कड़ी कार्रवाई
बिजली विभाग के अधिकारियों ने इस मामले को गंभीर धोखाधड़ी मानते हुए कार्रवाई की है। विजिलेंस टीम अब यह भी जांच कर रही है कि कहीं और भी ऐसे फर्जी मीटर तो नहीं लगाए गए।
इस पूरे मामले ने बिजली उपभोक्ताओं को सतर्क कर दिया है। अधिकारियों ने अपील की है कि बिजली मीटर में कोई भी गड़बड़ी दिखे तो तुरंत बिजली विभाग को सूचित करें।