- रिपोर्ट: ज्ञानेश वर्मा
राजधानी लखनऊ के इंदिरा नगर में स्थित विवादित शेखर हॉस्पिटल मालिक व केजीएमयू लखनऊ के विवादित प्रोफेसर डॉक्टर अमोद कुमार सचान प्रवर्तन निदेशालय ( ईडी ) के निशाने पर आ गए हैं ईडी ने उनके विरुद्ध आरोपों का जनहित में स्वतः संज्ञान लेकर जांच शुरू की तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं ईडी ने रिपोर्ट शासन के चिकित्सा शिक्षा विभाग केजीएमयू प्रशासन के अलावा सीबीआई को भेज डॉक्टर सचान पर कार्रवाई की संस्तुति की है।
ईडी ने जांच में पुख्ता सबूतों के आधार पर निष्कर्ष निकाला है कि डॉक्टर सचान आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति रखने के कारण भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम – 1988 की धारा 13 के उल्लंघन के दोषी हैं डॉक्टर सचान आईपीसी 1860 की धारा 168 के भी उल्लंघन के दोषी हैं केजीएमयू में सरकारी डॉक्टर के रूप में रोजगार अवधि के दौरान वह गैर कानूनी ढंग से व्यवसाय में शामिल होने के दोषी मिले। केजीएमयू अधिनियम- 2002 की धारा 37 ( 3 ) में स्पष्ट रूप से निजी प्रैक्टिस पर प्रतिबंध का प्रावधान है ईडी को इस बात के सबूत मिले हैं कि डॉक्टर सचान निजी चिकित्सा प्रैक्टिस में लिप्त है। और पत्नी डॉक्टर रिचा मिश्रा चला रही शेखर अस्पताल। विवादों में रहने वाला शेखर हॉस्पिटल आए दिन मीडिया की सुर्खियों में रहने के बावजूद भी डॉक्टर सचान की मिली भगत से अस्पताल पर नहीं होती है कोई कार्रवाई।
आपको बता दे कि हाईकोर्ट ने भी दिए थे कार्रवाई के आदेश
ईडी ने रिपोर्ट में कहां है कि हाईकोर्ट द्वारा चिकित्सा शिक्षा विभाग केजीएमयू को कार्रवाई का आदेश के एक वर्ष बाद भी कार्रवाई नहीं की गई। हाईकोर्ट ने फरवरी 2023 में आदेश पारित कर कहा था कि डॉक्टर सचान डॉक्टर हैं, जो केजीएमयू में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। यह तथ्य रिकॉर्ड के साथ आयकर आयुक्त द्वारा पेश रिपोर्ट में भी सामने आया है आश्चर्य जताया गया है कि राज्य विवि में काम करने वाला व्यक्ति निजी शेखर अस्पताल का निदेशक है।