शेरावाली फलडी नहर में अधिकारियों की लापरवाही से पानी में कमी, किसानों में आक्रोश

पानी की कमी के कारण किसानों का गुस्सा फूटा

ऐलनाबाद (एमपी भार्गव):  राजस्थान के बॉर्डर से सटे गांव कर्मशाना और ढाणी शेरा सहित अन्य क्षेत्रों में सिंचाई के लिए मुख्य रूप से शेरावाली फलडी नहर का पानी उपयोग में लाया जाता है। इस नहर से कृषि सिंचाई की जाती है, लेकिन नहर में पानी की गंभीर कमी के कारण किसानों में भारी आक्रोश है। 23 मार्च 2025 को नहर में पानी छोड़े जाने के बाद से यह क्षेत्र सिंचाई के लिए काफी हद तक निर्भर हो गया था।

नहर में पानी छोड़ने के बावजूद समस्या बनी रही
किसानों ने नहर में पानी की मांग की थी, और 24 मार्च 2025 को ऑटू से शेरावाली फलडी चैनल में पानी छोड़ा गया था। इस दौरान रबी सीजन की सरसों की फसल की सिंचाई की जा रही थी, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण 9 दिनों में केवल एक दिन, यानी 1 अप्रैल को लगभग 20 घंटे पानी चला, और 2 अप्रैल को फिर पानी घटकर न के बराबर रह गया। इससे किसानों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया।

किसानों की शिकायत और अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग
किसानों ने आरोप लगाया कि नहरी विभाग के अधिकारियों ने पानी की उचित आपूर्ति नहीं की। उनका कहना था कि अगर अधिकारी नहर की टेल पर आएं, तो पानी लेकर आएं, वरना आने से बचें। किसानों ने चेतावनी दी कि यदि अधिकारी इसी तरह की लापरवाही बरतते रहे, तो उन्हें किसानों के गुस्से का शिकार होना पड़ सकता है, जिसकी जिम्मेदारी नहरी विभाग और प्रशासन की होगी।

नहरी विभाग के अधिकारियों का बयान
घग्गर डिवीजन के एक्शन अजीत हुडा ने किसानों से बातचीत करते हुए बताया कि उनके पास अगले चार से पांच दिनों तक चलने के लिए पानी स्टोर किया गया है, जिसे किसानों की मांग के अनुसार शेरावाली फलडी चैनल में छोड़ दिया गया है। फिर भी अगर पानी कर्मशाना टेल पर नहीं पहुंच रहा है, तो नहराणा डिवीजन के एसडीओ पानी बढ़ाने में सक्षम हैं।

जेई गुरसेवक सिंह की स्थिति
नहराणा डिवीजन के जेई गुरसेवक सिंह ने बताया कि उन्होंने पानी बढ़वा दिया था, लेकिन कुछ किसानों ने बार-बार हैड से पानी कम करने की शिकायत की। उन्होंने कहा कि वह आगे और पीछे के किसानों के बीच फंसे हुए हैं और इस समस्या का समाधान नहीं निकाल पा रहे हैं।

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