- एन. के. रावत की टिप्पणी
दुबई पहले एक रेगिस्तानी गांव की तरह था, और अब एक वैश्विक व्यापारिक और सांस्कृतिक केंद्र बन चुका है। इस यात्रा के दौरान, दुबई ने केवल अपने विकास की गाथा नहीं लिखी, बल्कि उन हजारों लोगों के सपनों की कहानी भी रची है, जो यहां अपने भाग्य को चमकाने आए।
1980 के दशक के शुरूआत में दुबई का चेहरा कुछ और ही था – ऊंट, रेत, और धूल की चादर में लिपटा हुआ। लेकिन शेख राशिद बिन सईद अल मकतूम की दूरदर्शिता ने शहर की दिशा बदल दी। उन्होंने सोचा कि अगर रेगिस्तान में पानी नहीं, तो क्या हुआ? हम इसे सोने की नदियों से भर देंगे। और बस, यहीं से शुरू हुआ दुबई का शानदार विकास। दुबई ने अपने आप को एक वित्तीय हब, व्यापारिक केंद्र और पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित किया।
भारत से बड़ी तादाद में लोग यहां अपने सपनों को पूरा करने के लिए आते हैं। इस शहर ने हजारों भारतीयों को अवसर दिए, जिनमें से कई ने यहाँ व्यवसाय, शिक्षा, और चिकित्सा के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों को छुआ। भारत से लोग यहां आकर अपनी मेहनत, लगन और क्षमताओं को नई पहचान देते हैं। इस प्रक्रिया में, दुबई ने न केवल रोजगार के अवसर प्रदान किए, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं को भी समृद्ध किया।
वहीं, हांगकांग से कंपनियों की आमद ने दुबई को एक अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक केंद्र में बदल दिया। जब हांगकांग ने अपने व्यापारिक लैंडस्केप में परिवर्तन किया, तो उसने दुबई को एक नया अवसर देखा। यहां की फ्री जोन और व्यापारिक सुविधाओं ने हांगकांग की कंपनियों को आकर्षित किया, और वे यहां आकर अपने व्यापार को नया पंख देने लगीं। इससे न केवल दुबई की अर्थव्यवस्था को बल मिला, बल्कि यह शहर वैश्विक व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब बन गया।
दुबई का खुलापन और सांप्रदायिक सौहार्द इस शहर की विशेषता है। यहां विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों का सम्मान किया जाता है। यह शहर अपनी बहुलता में एकता का आदर्श प्रस्तुत करता है। दुबई में हर धर्म के पूजा स्थल हैं, और सांप्रदायिक सौहार्द इस शहर की पहचान है। यह खुलेपन ने इस शहर को एक ऐसा वैश्विक नगर बना दिया है, जहाँ हर कोई अपना स्थान और पहचान पा सकता है।
आखिरकार, दुबई ने 34 वर्षों में खुद को एक आदर्श विकसित नगर में बदल दिया है, जहां न केवल विकास की संभावनाएं अनंत हैं, बल्कि यहाँ आने वाले हर व्यक्ति को अपने सपनों को साकार करने का अवसर मिलता है। दुबई की यह यात्रा केवल एक भव्यता की कहानी नहीं है, बल्कि हर व्यक्ति की कहानी है, जो यहां आकर अपने सपनों की ऊंचाई छूता है। इस शहर ने दिखाया है कि कैसे सही दिशा, समर्पण, और खुलापन मिलकर एक रेगिस्तानी गांव को विश्वस्तरीय महानगर बना सकते हैं।