अयोध्या: राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने अयोध्या स्थित राम मंदिर में पुजारियों और अर्चकों के लिए एक नया ड्रेस कोड लागू किया है। इसके तहत अब वे चौबंदी, धोती-कुर्ता और सिर पर पीले रंग की पगड़ी पहने हुए नजर आएंगे। ट्रस्ट ने इस ड्रेस कोड को लागू करने के बाद पुजारियों को रामलला की पूजा-अर्चना करते हुए इस वेशभूषा में देखने का निर्देश दिया है।
राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि मंदिरों की एक अपनी पहचान होती है, और इसी पहचान को ध्यान में रखते हुए राम मंदिर के पुजारियों के लिए यह ड्रेस कोड लागू किया गया है। सभी पुजारियों को पीली चौबंदी और सफेद धोती दी गई है, जिसे पहनकर वे अब मंदिर में पूजा करने जाएंगे। प्रत्येक चौबंदी में राम जन्मभूमि का लोगो भी लगाया गया है, जिससे यह पहचानना आसान होगा कि ये पुजारी राम मंदिर से जुड़े हैं।
पुजारियों के लिए नई नियमावली
राम मंदिर ट्रस्ट ने पुजारियों के लिए कुछ अन्य नियम भी बनाए हैं। उनमें से एक महत्वपूर्ण नियम यह है कि पुजारियों पर मल्टीमीडिया मोबाइल का उपयोग प्रतिबंधित किया गया है। जो पुजारी गर्भगृह में पूजा करेंगे, वे बाहर नहीं निकलेंगे और किसी को भी स्पर्श नहीं करेंगे। यदि वे किसी को स्पर्श करते हैं, तो उन्हें स्नान करना पड़ेगा। इसके अलावा, गर्भगृह में रहने वाले पुजारी तब तक वहीं रहेंगे जब तक मंदिर बंद न हो जाए या उनका स्थानांतरण न हो जाए। यह नियम भी राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा तय किया गया है।
ड्रेस कोड का प्रभाव
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राम मंदिर के पुजारियों के लिए ड्रेस कोड 25 दिसंबर से लागू कर दिया गया है। इस कदम से राम मंदिर में पुजारियों की पहचान आसानी से हो सकेगी। ट्रस्ट की ओर से सभी पुजारियों को दो-दो सेट ड्रेस भी उपलब्ध कराए गए हैं। वर्तमान में राम मंदिर में मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास समेत कुल 14 पुजारी कार्यरत हैं।
राम मंदिर के ड्रेस कोड और नए नियमों के साथ, ट्रस्ट ने यह सुनिश्चित किया है कि पुजारियों की पूजा-अर्चना के दौरान एक अनुशासन और पहचान बनी रहे, जिससे राम मंदिर की गरिमा और सुरक्षा भी बढ़े।