बदायूँ: विश्व क्षय रोग दिवस के अवसर पर कलेक्ट्रेट बदायूं में जिलाधिकारी निधि श्रीवास्तव की अध्यक्षता में जागरूकता हस्ताक्षर अभियान शुरू किया गया। जिलाधिकारी ने सबसे पहले हस्ताक्षर कर इस अभियान की शुरुआत की। इसके बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला क्षय रोग अधिकारी, डिप्टी कलेक्टर, अन्य अधिकारी और कर्मचारियों ने भी हस्ताक्षर किए।
इस मौके पर जिलाधिकारी ने 5 टीबी मरीजों को गोद लिया और उन्हें पोषण पोटली दी। इसके बाद गिंदो देवी महिला महाविद्यालय में एक संगोष्ठी और पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। पोस्टर प्रतियोगिता में कु. अनामिका भारती ने प्रथम, कु. महविश ने द्वितीय, कु. प्रिया सिंह ने तृतीय और कु. अंशिका ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया। सभी विजेता छात्राओं को प्रमाण पत्र और शील्ड देकर सम्मानित किया गया।
गिंदो देवी महिला महाविद्यालय की प्राचार्य और स्टाफ को विशेष सहयोग देने के लिए डॉ. विनेश कुमार ने एक प्रमाण पत्र और शील्ड देकर सम्मानित किया। संगोष्ठी में सुषमा, सनी दुबे, डॉ. शिखा पाण्डेय, डॉ. अवनीशा वर्मा, डॉ. काजल दास और छात्रा महविश ने एड्स के बारे में अपने विचार प्रस्तुत किए।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. विनेश कुमार ने बताया कि एड्स एचआईवी से संक्रमित रक्त, सिरिंज, संक्रमित महिला से बच्चे में, और असुरक्षित यौन संबंधों से फैलता है। उन्होंने कहा कि इन चार कारणों से बचकर हम इस बीमारी से बच सकते हैं। इस वर्ष जिले में अब तक कुल 112 एचआईवी के मरीज पाए गए हैं, जिनमें 76 पुरुष, 29 महिलाएं और 7 बच्चे शामिल हैं।
डॉ. काजल दास ने छात्राओं को बताया कि इस प्रकार के कार्यक्रमों का उद्देश्य समाज और छात्र-छात्राओं में जागरूकता फैलाना है। उन्होंने कहा कि एड्स का अभी तक कोई इलाज नहीं है, और जागरूकता ही इसका सबसे बड़ा बचाव है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. इंदु शर्मा ने की, जबकि संचालन बृजेश राठौर ने किया। इस संगोष्ठी में डॉ. सरला चक्रवर्ती, डॉ. श्रद्धा यादव, डॉ. शुभी, डॉ. अनीता सिंह, डॉ. प्रीति वर्मा, डॉ. वबिता, डॉ. इति अधिकारी, डॉ. वंदना वर्मा, सुदेश सक्सेना, संदीप राजपूत, रेशम बती, शंकर, और सूरजपाल भी उपस्थित रहे।