रामपुर: असम विधानसभा में शुक्रवार के रोज़ जुमे की नमाज़ के लिए तीन घंटे का ब्रेक दिया जाता था, जिसे अब ख़त्म कर दिया गया है.
पहले जुमे की नमाज़ के लिए सुबह 11 बजे से 2 बजे तक सदन को स्थगित किया जाता था, बीजेपी असम प्रदेश ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर लिखा, “सैदय सादुल्लाह द्वारा असम विधानसभा में जुमे की नमाज़ के लिए तीन घंटे के स्थगन के नियम को ख़ारिज कर दिया गया है, अब से सदन में जुमे की नमाज़ के लिए कोई ब्रेक नहीं हुआ करेगा.”
इस पर एनडीए के घटक दल जेडीयू ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है और इसे संविधान की भावना का उल्लंघन बताया है,
डीके फाउंडेशन डायरेक्टर दानिश खान ने बताया कि यह निर्णय मुस्लिम समुदाय के मौलिक अधिकारों के हनन के रूप में देखा जा रहा है। डीके फाउंडेशन ऑफ फ्रीडम एंड जस्टिस की ओर से इस फ़ैसले के खिलाफ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में याचिका दर्ज कराई गई है। ऑर्गनाइजेशन ने असम मुख्यमंत्री के इस फैसले को तानाशाही करार देते हुए इसे समुदाय के धार्मिक अधिकारों पर सीधा आघात बताया है