बदायूँ: टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत जिलाधिकारी निधि श्रीवास्तव ने चार टीबी मरीजों को गोद लेकर उन्हें प्रोटीन युक्त पोषण किट प्रदान की। इस पहल के माध्यम से मरीजों को उचित पोषण मिल सके, ताकि उनका इलाज और उपचार प्रभावी रूप से हो सके।
टीबी मरीजों के इलाज और दवाइयों पर ध्यान केंद्रित
जिलाधिकारी निधि श्रीवास्तव ने इस अवसर पर कहा कि टीबी के मरीजों को दवाइयाँ समय से मिलनी चाहिए और वे इसे पूरे 6 महीने तक नियमित रूप से लें। इसके साथ ही उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने की बात कही कि मरीजों का इलाज सही तरीके से हो, जिसके लिए 2 महीने और 6 महीने पर फॉलोअप भी करवाए जाएं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मरीज ठीक हो रहा है।
पोषण किट के साथ 500 रुपये प्रतिमाह की राशि
जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि टीबी के मरीजों को सरकार की तरफ से पोषण हेतु 500 रुपये प्रति माह दिए जाते हैं, जो सीधे उनके खाते में DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से पहुँचते हैं। 1 नवंबर 2024 से यह राशि बढ़ाकर 1000 रुपये कर दी गई है, ताकि मरीजों को बेहतर पोषण प्राप्त हो सके और उनका उपचार सुचारू रूप से चलता रहे।
समाज के सभी वर्गों से अपील
जिलाधिकारी ने स्वंयसेवी संस्थाओं, व्यापारियों, और अधिकारियों से भी अपील की कि वे टीबी मरीजों को स्वेच्छा से गोद लेकर उन्हें पोषण किट प्रदान करें और उनके इलाज की जिम्मेदारी लें। इसके साथ ही उन्होंने टीबी मरीजों से भी अपील की कि वे ठीक होने के बाद टीबी चैंपियन के रूप में समाज में जागरूकता फैलाएं और दूसरों को बताएं कि सरकारी अस्पताल से उपचार लेकर वे पूरी तरह से ठीक हो सकते हैं।
जिलाधिकारी निधि श्रीवास्तव की यह पहल टीबी मरीजों के इलाज और उनकी देखभाल में मददगार साबित हो सकती है। इस कदम से मरीजों को न केवल उचित दवाइयाँ मिलेंगी, बल्कि उनका पोषण भी बेहतर होगा, जिससे उनका उपचार और भी प्रभावी हो सके। इसके साथ ही समाज में जागरूकता फैलाने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम है।