08 जनवरी को डायट स्थित ऑडिटोरियम में होगा जनपद स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन
संस्कृति उत्सव के प्रतिभागियों हेतु सम्पर्क नम्बर, विद्याओं, आवश्यक जानकारी जारी
बदायूं। मुख्य विकास अधिकारी केशव कुमार ने बताया कि हमारी संस्कृति हमारी पहचान संस्कृति उत्सव-2023 के अन्तर्गत गायन, वादन व नृत्य विधाओं में दिनांक 08 जनवरी 2024 को डायट परिसर स्थित ऑडिटोरियम, बदायूँ में प्रातः 10ः30 बजे से जनपद स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन कराया जा रहा है। उन्होने बताया कि पूर्व में आयोजन स्थल राजकीय कन्या इण्टर कालेज, बदायूँ को बनाया गया था। अपरिहार्य कारणों उसे स्थगित करते हुए अब जनपद स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन डायट परिसर स्थित ऑडिटोरियम, बदायूँ कराया जाएगा।
उन्होने बताया कि इस प्रतियोगिता में सभी कलाकारों के द्वारा एकल प्रस्तुति दी जायेगी। कलाकारों के द्वारा एक प्रस्तुति के अतिरिक्त केवल एक सामूहिक प्रस्तुति में प्रतिभाग किया जा सकता है तथा प्रतियोगी अपना वाद्ययंत्र अपने साथ लायें। प्रतिभाग करने वाले प्रतिभागी अपना नाम, पता, आदि का विवरण मो0 नं0-8533960100 पर दिनांक 07 जनवरी 2024 की सायं 05ः00 बजे तक नोट करा सकतें है तथा गायन, वादन, एवं नृत्य के सम्बन्ध में जानकारी हेतु मो0 नं0- 9837134116 पर सम्पर्क करें।
उन्होने प्रतिभागियों को सूचित करते हुए कहा कि वह कार्यक्रम के लिए आधार कार्ड, मोबाइल नं0, पासपोर्ट साइज दो फोटो, बैक पासबुक की छायाप्रति जिसमें बैंक का नाम, खाता संख्या, आई0एफ0एस0सी0 कोड आदि का विवरण अंकित हो। संचालित ई0मेल0 आई0डी0, पेनकार्ड की छाया प्रति साथ लाए।
उन्होने बताया कि प्रतियोगिता की विद्याओं में गायन में शास्त्रीय गायन, ख्याल, ध्रुपद, उपशास्त्रीय गायन ठुमरी, दादरा, चैती, झूला, होरी, टप्पा, लोक गायन, कजरी, चैती, झूला, बिरहा, आल्हा, निर्गुण, लोकगीत, कव्वाली आदि, सुगम संगीत व गीत गजल भजन, देशभक्ति गीत एवं अन्य तथा वादन में स्वर वा़द्य सुषिर वाद्य बांसुरी, शहनाई हारमोनियम तन्तु वाद्य सितार, वायलिन, गिटार सांरगी, वीणा वादक आदि, ताल वाद्य तबला, पखावज, दक्षिणी भारतीय मृदंगम, घटम आदि, जनजाति वाद्य यंत्र/ लोक वाद्य, डफला, नगाडा, ढुक्कड, मादल, शहनाई, ढोल-ताशा, ढोलक, नाल, चिमटा, हुडका, सिंद्या आदि तथा नृत्य में कथक, भरतनाट्यम, ओडिसी, मोहिनीअट्टम तथा अन्य शास्त्रीय नृत्य, लोक नृत्य, धोबिया, अहिरवा, करमा, शैला, डोमकच, आखेट नृत्य तथा अन्य जातीय नृत्य आदि, लोक नाटय व नोटंकी, रामलीला, स्वांग, भगत, बहुरूपिया, नुक्कड़ नाटक आदि हैं।