प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत जिला स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

- स्वरोजगार से जुड़ी 8 महिलाओं को दिए गए आर्थिक सहायता के जीचेक - महिला विरूद्ध अपराध के बारे में दी गई जानकारी

ऐलनाबाद (सिरसा), 18 मार्च (एम पी भार्गव): महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से मंगलवार को पंचायत भवन में जिला स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. सुभाष चंद्र ने बतौर मुख्याअतिथि शिरकत की। कार्यक्रम में विभाग की विभिन्न योजनाएं जैसे प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना, सुरक्षित भविष्य निधि योजना, आपकी बेटी-हमारी बेटी, मुख्यमंत्री मातृत्व सहायता योजना, सखी वन स्टॉप सेंटर, बाल संरक्षण से संबंधित कानून आदि के बारे में महिलाओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, क्रेच कार्यकर्ता और सुपरवाइजर आदि को जागरूक किया गया।

महिला एवं बाल विकास विभाग की उप-निदेशक डा. दर्शना सिंह ने बताया कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विभाग की योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाना है। उन्होंने बताया कि हरियाणा महिला विकास निगम द्वारा कुमारी दीक्षिता को शिक्षा ऋण योजना के तहत 90 लाख रूपये की अनुदान राशि दी गई है, जिसमें ब्याज की सब्सिडी महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा दी गई है। इस मदद से कुमारी कुमारी दीक्षिता ने एमडी इन डर्मेटोलॉजी की डिग्री हासिल की है। व्यक्तिगत ऋण योजना के तहत लघु उद्योग को बढ़ावा देने हेतु एससी श्रेणी की छह महिलाओं को 25-25 हजार रुपये तथा सामान्य व बीसी श्रेणी की दो महिलाओं को 10-10 हजार रुपये की अनुदान राशि के चेक दिए गए हैं ताकि वे मनीयारी, सिलाई-कढ़ाई, और कपड़े का व्यवसाय शुरू कर सके।

आरकेजे स्कूल से आए ट्रेनर ने विशेष रूप से दिव्यांग बहनों के लिए योजनाओं संबंधी जानकारी दी। सुपरवाइजर सुष्मिता ने सुरक्षित भविष्य योजना, पोषण अभियान के तहत पोषण ट्रैकर एप के बारे में विस्तार से बताया, जिससे लाभार्थियों को ऑनलाइन एसएनपी वितरण और अन्य गतिविधियों की जानकारी प्राप्त होगी।

District level awareness program organized under Prime Minister Maternity Vandana Schemeसंरक्षण अधिकारी अंजना डूडी ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के तहत विभिन्न योजनाओं जैसे गोद भराई, बेटी जन्मोत्सव, बेटी के नाम पर पेड़ लगाने आदि की जानकारी दी। उन्होंने अपील की कि यदि कोई भी व्यक्ति लिंग परीक्षण या पुत्र प्राप्ति की गारंटी देता है, तो तुरंत सिविल सर्जन, जिला कार्यक्रम अधिकारी या सीडीपीओ को सूचित करें ताकि पीएनडीटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जा सके। उन्होंने आंगनवाड़ी व क्रेच मिशन शक्ति के तहत जिला में संचालित 15 केंद्रों, स्पॉन्सरशिप स्कीम, पोक्सो एक्ट, जेजे एक्ट, और दत्तक ग्रहण प्रक्रिया की भी विस्तृत जानकारी दी।

वन स्टॉप सेंटर प्रभारी मंजू चौधरी ने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए सहायता केंद्र वन स्टॉप सेंटर की शुरुआत वर्ष 2015 में हुई थी। इसका उद्देश्य हिंसा से पीडि़त महिलाओं को सहायता प्रदान करना है, चाहे वह हिंसा घर, कार्यस्थल, या सार्वजनिक स्थानों पर हुई हो। इसमें पीडि़त महिलाओं को चिकित्सा सुविधा, कानूनी सहायता, परामर्श, पुलिस हेल्प, और अस्थायी आश्रय प्रदान किया जाता है। सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 181 उपलब्ध है।

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