दिल्ली टैक्सी टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन ने पैनिक बटन घोटाले का पर्दाफाश करने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की
दिल्ली: गुरूवार को दिल्ली टैक्सी टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन ने प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, रायसीना रोड पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर पैनिक बटन के नाम पर अरबों रुपये के घोटाले का खुलासा किया। एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सम्राट ने मीडिया को बताया कि दिल्ली में एक महिला मुख्यमंत्री बनने के बाद टैक्सी और बस चालकों की समस्याएं बढ़ गई हैं।
संजय सम्राट ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के नाम पर पहले ही करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार हो रहा था। नई महिला मुख्यमंत्री के सत्ता में आने के बाद, उनके परिवहन मंत्रालय ने 2019 मॉडल से पुरानी टैक्सी और बसों में भी पैनिक बटन लगवाने का आदेश दिया है। पहले यह नियम केवल 2019 और उसके बाद के मॉडल के वाहनों पर लागू था।
उन्होंने बताया कि पैनिक बटन और व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस को टैक्सी और बसों में अनिवार्य कर दिया गया है, जिसके लिए परिवहन विभाग 7,000 से 16,000 रुपये तक वसूल रहा है। यह काम दिल्ली सरकार और परिवहन विभाग द्वारा चुने गए निजी वेंडर्स के जरिए किया जा रहा है। संजय सम्राट का आरोप है कि यह पैनिक बटन किसी भी तरह से काम नहीं करता और इसका कोई फायदा नहीं है, क्योंकि इसके लिए आज तक कोई कॉल सेंटर नहीं बनाया गया है।
सम्राट ने आरोप लगाया कि यह सिर्फ एक 5 रुपये का प्लास्टिक बटन है, जिसके लिए टैक्सी और बस चालकों से हजारों रुपये लिए जा रहे हैं। फिटनेस चेक के दौरान भी पैनिक बटन के नवीकरण के नाम पर 8,000 से 15,000 रुपये तक की वसूली की जा रही है, जो कि निजी कंपनियों और परिवहन विभाग की मिलीभगत से किया जा रहा है।
एसोसिएशन का कहना है कि वे इस घोटाले के खिलाफ कई सालों से लड़ाई लड़ रहे हैं और उन्होंने दिल्ली के उप राज्यपाल, गृह राज्य मंत्री, परिवहन मंत्री, मुख्यमंत्री, ट्रांसपोर्ट कमिश्नर और स्पेशल कमिश्नर को पत्र लिखे हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने भूख हड़ताल भी की थी।
उन्होंने मांग की है कि जब तक कॉल सेंटर नहीं बनाया जाता, पैनिक बटन की अनिवार्यता हटाई जाए और चालकों से वसूली गई राशि ब्याज सहित वापस की जाए।
संजय सम्राट ने कहा कि वे जल्द ही इस घोटाले की शिकायत महिला आयोग से करेंगे और प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री से सीबीआई जांच की मांग करेंगे।