दिल्ली विधानसभा चुनाव: शनिवार को दिल्ली विधानसभा चुनावों के परिणाम घोषित किए जाएंगे, जो यह तय करेंगे कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (AAP) चौथे कार्यकाल के लिए सत्ता में लौटेगी, या भारतीय जनता पार्टी (BJP) 27 वर्षों के बाद वापसी करेगी।
कांग्रेस भी चुनावी फायदा देख रही है
कांग्रेस, जिसने 1998 से 2013 तक दिल्ली में शासन किया था, पिछले दो चुनावों में कोई सीट नहीं जीत पाई, लेकिन इस बार वह कुछ सीटें जीतने की उम्मीद कर रही है।
मतगणना का समय और सुरक्षा व्यवस्था
मतगणना सुबह 8 बजे से शुरू होगी, जो दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में एकसाथ होगी। सभी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (EVMs) को 70 मजबूत कक्षों में सुरक्षित रखा गया है, जिनमें से प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए एक है। दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी रालिस वाज़ ने कहा कि “EVMs और VVPATs की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्था की गई है, जो ECI सुरक्षा प्रोटोकॉल के अनुसार हैं।”
AAP का राजनीतिक दबदबा और जीत का इतिहास
AAP ने 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा और कांग्रेस को हराकर दिल्ली की राजनीति में अपनी पकड़ मजबूत की थी, जब उसने 70 में से 67 सीटें जीती थीं। इसके बाद, 2020 में भी पार्टी ने 62 सीटों के साथ सरकार बनाई और विपक्ष BJP और कांग्रेस को भारी शिकस्त दी।
एग्जिट पोल: BJP को बढ़त, AAP को कड़ी चुनौती
कई एग्जिट पोल्स ने दिल्ली में BJP की जीत की संभावना जताई, जबकि दो ने AAP को कड़ी टक्कर देते हुए बढ़त दिखाई। AAP ने एग्जिट पोल्स के अनुमानों को खारिज करते हुए विश्वास जताया कि वह एक निर्णायक बहुमत के साथ सरकार बनाएगी।
AAP का आरोप: BJP ने उम्मीदवारों को लुभाने की कोशिश की
मतगणना से एक दिन पहले, एंटी करप्शन ब्रांच (ACB) की एक टीम अरविंद केजरीवाल के निवास पर पहुंची और बीजेपी द्वारा आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों को लुभाने के प्रयासों पर पूछताछ की। चूंकि केजरीवाल ने ACB अधिकारियों से मुलाकात नहीं की, उन्हें कानूनी नोटिस जारी किया गया और आरोपों के समर्थन में सबूत देने के लिए कहा गया। यह कार्रवाई उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा इस मामले की जांच के आदेश के बाद हुई।