दिल्ली: ‘कोचिंग सेंटर छात्रों के लिए मौत का चैंबर’, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को जारी किया नोटिस

दिल्ली में आईएएस कोचिंग के बेसमेंट में तीन छात्रों की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर टिप्पणी की है। अदालत ने कहा है कि कोचिंग सेंटर अब मौत के चैंबर बन गए हैं और ये छात्रों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर तुरंत कार्रवाई करते हुए केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है और उनसे जवाब मांगा है। शीर्ष अदालत ने कहा कि हाल की इस घटना ने, जिसमें तीन छात्रों की जान गई, हम सभी की आंखें खोल दी हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दोनों सरकारों से इस मुद्दे पर त्वरित और प्रभावी कदम उठाने की अपेक्षा की है।

इस मामले पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने फायर सेफ्टी रूल्स के पालन का आदेश दिया था. इस साल मई में आए इस आदेश में हाई कोर्ट ने कहा था कि जो कोचिंग संस्थान अग्नि सुरक्षा नियमों का पालन नहीं कर रहे उन्हें बंद कर दिया जाए. हाई कोर्ट ने यह भी कहा था कि जिन इमारतों में कोचिंग चल रहे हैं, उन्हें एजुकेशनल बिल्डिंग मान कर उसी के मुताबिक अग्नि सुरक्षा मानकों का पालन करवाया जाए.

आदेश का पालन करने के बजाय सुप्रीम कोर्ट आने पर जज हुए हैरान
हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया नाम का संगठन सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था. जस्टिस सूर्यकांत और उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने इस बात पर हैरानी जताई कि हाई कोर्ट के आदेश का पालन करने की बजाय संगठन यहां आ गया. याचिकाकर्ता के लिए पेश वकील ने सफाई देने की कोशिश की, लेकिन जजों ने उनकी बात सुनने से मना कर दिया.

डेथ चेंबर बन गए कोचिंग सेंटर: सुप्रीम कोर्ट
जजों ने हाल ही में हुए राजिंदर नगर कोचिंग हादसे का उल्लेख किया. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, “हमने देखा है कि किस तरह अपना भविष्य बनाने के लिए मेहनत कर रहे छात्रों को अपनी जान गंवानी पड़ी.” बेंच की फटकार के बाद भी वकील ने अपनी याचिका में लिखी कुछ बातों को रखने की कोशिश की.

इस पर बेंच ने कोचिंग फेडरेशन पर 1 लाख रुपए का हर्जाना लगा दिया. सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, “कोचिंग सेंटर डेथ चेंबर बन गए हैं. अगर सुरक्षा मानक पूरे न कर सकें तो उन्हें ऑनलाइन चलाना बेहतर होगा.” मामले की अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद होगी.

Leave A Reply

Your email address will not be published.