दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: नोएडा-गुरुग्राम कर्मचारियों को क्या मतदान के दिन छुट्टी मिलेगी? नियम समझें

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दिल्ली : क्या नोएडा और गुरुग्राम में काम करने वाले कर्मचारियों को दिल्ली के मतदान के दिन छुट्टी मिलेगी? जैसा कि “प्रस्तावित चुनाव अधिनियम, 1951” (धारा 135-B) के तहत, दिल्ली में पंजीकृत मतदाता अपने वोट डालने के लिए अवकाश की मांग कर सकते हैं। आइए जानते हैं इस नियम को और अगर आपका नियोक्ता अवकाश देने से इनकार करता है, तो आपको क्या करना चाहिए।

नोएडा-गुरुग्राम कर्मचारियों को मतदान के दिन छुट्टी मिलेगी?

दिल्ली के निवासियों के लिए 5 फरवरी को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है ताकि वे मतदान कर सकें। लेकिन दिल्ली के मतदाता जो नोएडा या गुरुग्राम में काम करते हैं, उनके लिए क्या नियम हैं? “प्रस्तावित चुनाव अधिनियम, 1951” (धारा 135-B) के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति दिल्ली का पंजीकृत मतदाता है, लेकिन वह नोएडा या गुरुग्राम में काम करता है, तो वह अपने नियोक्ता से छुट्टी मांग सकता है ताकि वह अपना वोट डाल सके।

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अगर कंपनी छुट्टी देने से मना करती है तो क्या करें?

अगर आप दिल्ली के पंजीकृत मतदाता हैं, लेकिन नोएडा या गुरुग्राम में काम करते हैं, और आपका नियोक्ता मतदान के दिन छुट्टी देने से मना करता है, तो आपके पास निम्नलिखित विकल्प हैं:

  • पूरा दिन की छुट्टी मांगें: 5 फरवरी को मतदान के लिए एक दिन की छुट्टी मांगें।
  • आधा दिन की छुट्टी मांगें: अगर पूरा दिन छुट्टी नहीं दी जा सकती है, तो आप आधे दिन की छुट्टी भी मांग सकते हैं।
  • लचीले कार्य समय की मांग करें: यदि संभव हो तो, आप अपने नियोक्ता से लचीले कार्य समय की बात कर सकते हैं, ताकि आप मतदान करने के लिए समय निकाल सकें।

नियोक्ता की कानूनी जिम्मेदारी

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“प्रस्तावित चुनाव अधिनियम, 1951” (धारा 135-B) के अनुसार, नियोक्ताओं के लिए यह कानूनी जिम्मेदारी है कि वे चुनाव के दिन सभी पंजीकृत मतदाताओं को अवकाश दें। अगर आपका नियोक्ता अवकाश देने से इनकार करता है, तो यह चुनाव कानून का उल्लंघन है।

अगर कंपनी छुट्टी देने से मना करती है तो क्या कदम उठाएं?

अगर कंपनी छुट्टी देने से मना करती है, तो आप निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं:

  1. HR को लिखित में रिपोर्ट करें: अपने मानव संसाधन विभाग को लिखित में सूचित करें कि कंपनी चुनाव कानून का उल्लंघन कर रही है।
  2. चुनाव आयोग और श्रम विभाग को आवेदन दें: अगर छुट्टी नहीं दी जाती है, तो आप चुनाव आयोग और श्रम विभाग को औपचारिक आवेदन दे सकते हैं।
  3. कानूनी कार्रवाई: जो कंपनियाँ इन प्रावधानों का उल्लंघन करती हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

निष्कर्ष

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 नजदीक हैं, इसलिए सभी योग्य मतदाताओं को बिना किसी कार्यस्थल की रुकावट के अपने वोट डालने का अवसर मिलना चाहिए। अगर आप नोएडा या गुरुग्राम में काम करने वाले दिल्ली के पंजीकृत मतदाता हैं, तो याद रखें कि आपके नियोक्ता को कानून के तहत छुट्टी देनी चाहिए।

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