Death Anniversary: खलनायक से नायक बने विनोद खन्ना संभाल चुके है भारत के विदेश राज्य मंत्री का कार्यभार
27 अप्रैल 2017 को कैंसर की बीमारी के कारण विनोद खन्ना ने दुनिया को कहा था अलविदा
नई दिल्ली। दिग्गज अभिनेता विनोद खन्ना की गिनती बॉलीवुड के सदाबहार कलाकारों में होती थी। कई बड़ी फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाने वाले विनोद खन्ना ने एक खलनायक के रूप में अपने फिल्मी करियर की शुरूआत की थी लेकिन नायक के रूप में उन्हें फिल्मों में पहचान मिली। लेकिन अपने करियर की बुलंदियों पर पहुंचने के बाद विनोद आध्यात्मिक यात्रा पर ओशो के पास चले गए। जिसके कारण उनका व्यक्तिगत जीवन बर्बाद हो गया और उनकी पहली शादी टुट गई। आज उनकी पुण्यतिथि पर आइए जानते है उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें…
जीवन परिचय
विनोद खन्ना का जन्म 6 अक्टूबर 1946 को पेशावर में हुआ था। उनके माता-पिता का नाम कमला और किशनचंद खन्ना था। विनोद खन्ना की तीन बहनें और एक भाई था।
व्यक्तिगत जीवन
खन्ना ने 1971 में गीतांजलि से शादी की थी और उनके दो बेटे हुए राहुल और अक्षय..दोनों बॉलीवुड अभिनेता है। 1985 में खन्ना और गीतांजलि ने तलाक ले लिया। 1990 में खन्ना ने उद्योगपति शरयू दफ्तरी की बेटी कविता दफ्तरी से शादी की। जिनसे उनकी 2 संतान है- बेटा साक्षी और बेटी श्रद्धा
शिक्षा
1960 के बाद की उनकी स्कूली शिक्षा नासिक के एक बोर्डिग स्कूल में हुई वहीं उन्होने सिध्देहम कॉलेज से कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया था।
करियर
विनोद खन्ना ने अपने फ़िल्मी सफर की शुरूआत 1968 मे आई फिल्म “मन का मीत” से की जिसमें उन्होने एक खलनायक का अभिनय किया था। 1971 में विनोद खन्ना की पहली सोलो हीरो वाली फिल्म हम तुम और वो आई। कुर्बानी, हेराफेरी, खूनपसीना, अमर अकबर एंथनी, मुकद्दर का सिकंदर जैसी फिल्मों के जरिये विनोद खन्ना का सितारा बुलंदियों पर जा पहुंचा।
राजनीती करियर
वर्ष 1997 और 1999 में वे दो बार पंजाब के गुरदासपुर क्षेत्र से भाजपा की ओर से सांसद चुने गए। 2002 में वे संस्कृति और पर्यटन के केन्द्रिय मंत्री भी रहे। सिर्फ 6 माह बाद ही उनको अति महत्वपूर्ण विदेश मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री बना दिया गया।
उपलब्धियां
फिल्मों में उनके बेहतरीन अभिनय के लिये दादा साहेब पुरस्कार एवं फिल्म फेयर का पुरस्कार भी दिया जा चुका है।
निधन
27 अप्रैल 2017 को कैंसर की बीमारी के कारण विनोद खन्ना का निधन हो गया था।