Death Anniversary: भारत के महान लेखक, कवि और पत्रकार थे बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय, आज भी याद किए जाते है ‘वन्दे मातरम्’ के रचयिता
आज भी लोगों के अंदर देशभक्ति को तरोताजा कर देता राष्ट्रीय गीत
नई दिल्ली। बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय भारत के महान लेखक, कवी और पत्रकार थे। सालों पहले इनके द्वारा लिखा गया राष्ट्रीय गीत ‘वन्दे मातरम्’ आज भी लोगों के अंदर देशभक्ति की भावना को तरोताजा कर देता है। वंदे मातरम सिर्फ एक गीत या नारा ही नहीं, बल्कि आजादी की एक संपूर्ण संघर्ष गाथा है, जो 1874 से लगातार आज भी करोड़ों युवा दिलों में धड़क रही है। आइए जानते हैं कौन थे बंकिम चंद्र …
जीवन परिचय
बंकिम चंद्र चटर्जी का जन्म 27 जून 1838 को पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले के कांठल पाड़ा नामक गांव में हुआ था। बंकिम चंद्र के पिता यादव चंद्र चट्टोपाध्याय सरकारी सेवा में थे। इनके भाई का नाम संजीव चन्द्र चट्टोपाध्याय था।
शिक्षा
बंकिम चंद्र चटर्जी ने मेदिनीपुर में अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद बंकिम चंद्र चटर्जी ने हुगली के मोहसीन कॉलेज में दाखिला लिया। 1856 में उन्होंने कलकत्ता के प्रेसीडेंसी कॉलेज में दाखिला लिया। उनकी शिक्षा हुगली कॉलेज और प्रेसीडेंसी कॉलेज में हुई।1857 में उन्होंने बीए पास किया। प्रेसीडेंसी कालेज से बी. ए. की उपाधि लेनेवाले ये पहले भारतीय थे।
व्यक्तिगत जीवन
बंकिम चंद्र चटर्जी की शादी केवल ग्यारह वर्ष की आयु में केवल पांच वर्ष कन्या से हुई थी। कुछ समय बाद उनकी पत्नी की मृत्यु हो गई। फिर उन्होंने राजलक्ष्मी देवी से दूसरी शादी की थीं। उनकी तीन बेटियां थीं।
करियर
भारत का राष्ट्रगीत ‘वन्दे मातरम्’ उनकी ही रचना है जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के काल में क्रान्तिकारियों का प्रेरणास्रोत बन गया था। बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय पहले साहित्यकार थे जो बंगाल सरकार के सचिव पद पर भी रहे। बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय ने 1869 में क़ानून की डिग्री हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने सरकारी नौकरी की और 1891 में सेवानिवृत्त हुए।
निधन
बंकिम चंद्र चटर्जी का निधन 8 अप्रैल 1894 को हुआ था।