“लावारिस शव दाह संस्कार” – क्रांतिकारी शालू सैनी की सेवा, जो देती है लावारिसों को अपनापन

मुजफ्फरनगर: समाज सेवा का एक अनोखा और प्रेरणादायक उदाहरण पेश करते हुए साक्षी वेलफेयर ट्रस्ट की अध्यक्ष क्रांतिकारी शालू सैनी लगातार उन लावारिस शवों का दाह संस्कार कर रही हैं, जिन्हें कोई अपना मानने को तैयार नहीं। कोरोना काल से शुरू की गई इस सेवा को अपना जीवन समर्पित करने वाली शालू सैनी न केवल जरूरतमंद परिवारों के मृतकों का सम्मानजनक अंतिम संस्कार करती हैं, बल्कि उन लावारिस शवों को भी अपनाती हैं, जिनका कोई वारिस नहीं है।

पुरकाजी थाना क्षेत्र में हाल ही में मिले एक लावारिस शव का अंतिम संस्कार करते हुए शालू सैनी ने फिर से अपनी सेवा को निभाया। उन्होंने बताया कि अब उन्हें हर रोज ऐसे फोन आते हैं, जिनमें या तो लावारिस शवों का जिक्र होता है या ऐसे परिवारों का, जो आर्थिक तंगी के कारण अपने प्रियजनों का अंतिम संस्कार नहीं कर सकते। शालू सैनी का फोन नंबर अब इस सेवा के लिए वायरल हो चुका है, और हर रोज कई शवों का अंतिम संस्कार विधि-विधान से कर रही हैं।

शालू सैनी का कहना है कि भगवान भोलेनाथ ने उन्हें इस कार्य के लिए चुना है और वही उन्हें इस कठिन जिम्मेदारी को निभाने का साहस और शक्ति देते हैं। उनकी समाज सेवा की यह अनूठी पहल न केवल उत्तर प्रदेश में बल्कि आसपास के राज्यों में भी एक प्रेरणा बन चुकी है। लावारिसों की वारिस के रूप में प्रसिद्ध शालू सैनी समाज सेवा के क्षेत्र में आज किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं।

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