नई दिल्ली। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी का 72 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह एक्यूट रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन से पीड़ित थे और एम्स, नई दिल्ली में उनका इलाज चल रहा था। उनके निधन पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गहरा शोक व्यक्त किया।
राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “सीताराम येचुरी मेरे दोस्त थे। वह हमारे देश की गहरी समझ रखने वाले और भारत के विचार के संरक्षक थे। मैं उनके साथ हुई लंबी चर्चाओं को हमेशा याद रखूंगा। इस दुखद घड़ी में उनके परिवार, दोस्तों और अनुयायियों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है।”
सीपीआई (एम) का बयान
सीपीआई (एम) ने ट्वीट कर जानकारी दी, “गहरे दुख के साथ हम घोषणा करते हैं कि सीपीआईएम महासचिव, हमारे प्रिय कॉमरेड सीताराम येचुरी का आज, 12 सितंबर को दोपहर 3:03 बजे एम्स, नई दिल्ली में निधन हो गया।”
जयराम रमेश ने व्यक्त किया शोक
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी एक पोस्ट के माध्यम से सीताराम येचुरी को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा, “सीताराम येचुरी एक महान इंसान थे, बहुभाषी ग्रंथप्रेमी, व्यावहारिक प्रवृत्ति वाले निर्दयी मार्क्सवादी, और सीपीएम के एक स्तंभ। उनकी बुद्धि और हास्य की भावना अद्भुत थी। यह बेहद दुखद है कि अब वह हमारे बीच नहीं रहे।”
उन्होंने आगे कहा, “हमारा जुड़ाव तीन दशकों तक चला और हमने कई मौकों पर निकटता से सहयोग किया। उनके सभी राजनीतिक वर्गों में मित्र थे और उनके दृढ़ विश्वास और आकर्षक व्यक्तित्व की सभी प्रशंसा करते थे।”
गठबंधन में निभाई अहम भूमिका
सीताराम येचुरी को पूर्व महासचिव हरकिशन सिंह सुरजीत की गठबंधन निर्माण की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए जाना जाता था। 1996 में उन्होंने संयुक्त मोर्चा सरकार के लिए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम का मसौदा तैयार किया था, और 2004 में यूपीए सरकार के गठन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
1975 में आपातकाल के खिलाफ प्रतिरोध संगठित करने के लिए उन्हें जेल भेजा गया था। सीपीएम के छात्र विंग, स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के तीन बार प्रमुख रहे येचुरी, 32 साल तक पोलित ब्यूरो की सीट पर रहे। 2015 में प्रकाश करात के बाद वह पार्टी के महासचिव बने और तीन कार्यकाल तक इस पद को संभाला।
उनके निधन पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने शोक व्यक्त किया।