न्यायालय एसीजे (एसडी) प्रथम द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत में 865 वादों का किया निस्तारण

न्यायाधीश अजय मिश्रा द्वारा न्यायालय में 880 वादों पर की सुनवाई

दोनों पक्षों के आपसी सुलह – समझौते पर 4260 रूपये का जमा कराया जुर्माना

बुलंदशहर। भारतवर्ष में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन 1 वर्ष में 4 बार किया जाता जो प्रत्येक 3 माह में 1 बार आयोजित होती। जिसमें दोनों पक्षों के सुलह समझौते के आधार पर वाद का निस्तारण किया जाता। तथा कम से कम जुर्माना लगाकर 1 दिन में ही बाद को समाप्त कर दिया जाता। जिससे प्रतीक्षा में रहे वादों की लंबी कतार में कमी आती। तथा लोगों को समय एवं धन की बचत हो जाती। यह राष्ट्रीय लोक अदालत राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण तथा उत्तर प्रदेश विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर प्रत्येक जनपद में आयोजित कराई जाती। जिसमें जनपद न्यायाधीश/ अध्यक्ष एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशन में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन प्रत्येक न्यायालयों में कराया जाता।
बता दें कि बुलंदशहर जनपद में भी जनपद न्यायाधीश अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मनजीत सिंह श्योराण के निर्देश पर सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शहजाद अली द्वारा जनपद की सभी न्यायालयों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसमें अपराधिक कंपाउंडेबल, 138 एनआई एक्ट, मोटर दुर्घटना, धन वसूली, श्रम विभाग बिजली और पानी के बिल के मामले, वैवाहिक विवाद, भूमि अधिग्रहण, ट्रैफिक चालान, राजस्व मामले, बैंक लोन मामले, अन्य दीवानी मामले संबंधित न्यायालय में न्यायाधीश द्वारा सुने गये। तथा आपसी सुलह समझौते के आधार पर कम से कम जुर्माना लगाकर वाद का निस्तारण कराया गया।
अजय मिश्रा न्यायाधीश एसीजे (एसडी) प्रथम द्वारा बताया गया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में 880 वाद को सुना तथा जिसमें आपसी सुलह समझौते के आधार पर 865 वादों का निस्तारण किया गया। एवं 4260 का जुर्माना लगाकर वाद को समाप्त किया गया। जिसके लिए काफी दिन पहले से तैयारी शुरू कर दी गई थी वाद से संबंधित लोगों को समन जारी किए गए थे राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन के संबंध में प्रचार प्रसार गांव-गांव किया गया। जिससे राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक लोग पहुंचकर अपने वाद का निस्तारण कर सके। राष्ट्रीय लोक अदालत में अनेक बैंकों द्वारा कैंप लगाकर लोगों को लोन में जमा की जाने वाली धनराशि में छूट देकर अनेक वादों का निस्तारण किया।
जिसमें अनेक एडीजे एवं सीजेएम सहित न्यायाधीशगण एवं एवं नामित अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार एवं चमनेश सहित कर्मचारीगण शामिल रहे।

Leave A Reply

Your email address will not be published.