रामपुर: कांग्रेस के पदाधिकारियों ने गांधी समाधि पहुंचकर संभल पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए कैंडल मार्च निकाला और सरकार की सद्बुद्धि के लिए प्रार्थना की। इस अवसर पर उन्होंने घटना में पीड़ितों को न्याय दिलाने और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने की अपील की।
प्रदेश सचिव और रामपुर के प्रभारी रेहान पाशा ने कहा, “संभल घटना सरकार की देन है। सरकार को संविधान में विश्वास नहीं है और वह केवल अपनी तानाशाही के जरिए लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचलने की कोशिश कर रही है। इन्हें यह समझ लेना चाहिए कि सनक के सहारे रचा गया तंत्र कभी भी लोक की ताकत के सामने टिक नहीं पाएगा। हम लड़ रहे हैं और लड़ते रहेंगे।”
पूर्व विधायक अफरोज अली खाँ ने कहा, “संभल में संविधान का कत्ल हुआ है और नैतिकता का हनन हुआ है। यह घटना सरकार की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। पीड़ितों को न्याय देने के बजाय सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई कर रही है। जो लोग इस घटना में मारे गए हैं, उन्हें न्याय दिलाना सरकार का कर्तव्य है, लेकिन यह सरकार खुद इस घटना की जिम्मेदार है।”
जिला अध्यक्ष धर्मेन्द्र देव गुप्ता ने कहा, “संभल विवाद को लेकर राज्य सरकार का रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इतने संवेदनशील मामले में बिना दूसरा पक्ष सुने और बिना दोनों पक्षों को विश्वास में लिए प्रशासन ने जिस तरह हड़बड़ी में कार्रवाई की, वह दर्शाता है कि सरकार ने खुद माहौल खराब किया। प्रशासन ने जरूरी प्रक्रिया का पालन भी जरूरी नहीं समझा। सत्ता में बैठकर भेदभाव, अत्याचार और फूट फैलाने का प्रयास करना न जनता के हित में है, न देश के हित में। सुप्रीम कोर्ट को इस मामले का संज्ञान लेकर न्याय करना चाहिए।”
उन्होंने प्रदेश की जनता से शांति बनाए रखने की अपील भी की। इस अवसर पर कांग्रेस के कई अन्य नेता भी उपस्थित थे, जिनमें शहर अध्यक्ष नोमान खाँ, महेन्द्र यदुवंशी, मोईन पठान, आमिर कुरैशी, मणि कपूर, चितरंजन श्रीवास्तव, रामगोपाल सैनी, कलीम अहमद, नादिश खाँ, अब्बास अली, सुहैल खाँ, मुस्ववीर खाँ, नदीम मुमताज़, मोहम्मद शाहिद, विक्की नफीस, आरिफ अल्वी, यमन खाँ, अकरम खाँ, मुजीब खाँ, नियाज़ अहमद, सरफ़राज़ मलिक, मुन्ने खाँ, ओमकार सिँह आदि प्रमुख रूप से मौजूद थे।