विजयवाड़ा: अपोलो अस्पताल ने लॉन्च किया कैंसर स्क्रीनिंग प्रोग्राम ‘ColFit’ लॉन्च

एक अग्रणी कोलोरक्टल कैंसर स्क्रीनिंग प्रोग्राम

विशाखापत्तनम: कोलोरक्टल कैंसर को रोकने और इसके प्रारंभिक संकेतों का पता लगाने के उद्देश्य से अपोलो अस्पताल्स हेल्थ सिटी ने बुधवार को ColFit नामक एक अत्याधुनिक कोलोरक्टल कैंसर स्क्रीनिंग प्रोग्राम लॉन्च किया। यह स्क्रीनिंग प्रोग्राम एक भाग के रूप में शुरू किया गया है, ताकि लोगों को कोलोरक्टल कैंसर के जोखिम के बारे में पता चल सके और इसे प्रिवेंटिव हेल्थकेयर के तौर पर एक नियमित प्रक्रिया के रूप में अपनाया जा सके। इस प्रोग्राम का उद्देश्य कोलोरक्टल कैंसर के जोखिम में रहने वाले व्यक्तियों को स्क्रीनिंग प्रक्रिया से लाभ पहुंचाना है।

प्रिवेंटिव हेल्थकेयर का महत्व

कैंसर के खिलाफ लड़ाई में प्रारंभिक पहचान सबसे शक्तिशाली औजार है। इस संदेश को अपोलो अस्पताल के कंसल्टेंट सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, डॉ. निरंजन ने अपने भाषण में रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “प्रारंभिक पहचान हमारे पास कैंसर के खिलाफ लड़ाई में सबसे प्रभावी टूल है। हमारा लक्ष्य यह है कि कोलोरक्टल कैंसर की स्क्रीनिंग को स्वास्थ्य देखभाल का एक नियमित हिस्सा बनाया जाए।” उन्होंने इस स्क्रीनिंग प्रोग्राम की आवश्यकता को समझाते हुए कहा कि यदि समय पर पहचान हो जाए तो कैंसर के इलाज की प्रक्रिया बहुत आसान और प्रभावी हो सकती है।

डॉ. निरंजन ने आगे कहा, “कोलोरक्टल कैंसर को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि लोग इस बीमारी के बारे में समय से जान सकें और इसके खिलाफ लड़ाई में शामिल हो सकें।” उन्होंने बताया कि यह प्रोग्राम केवल स्क्रीनिंग ही नहीं, बल्कि इस प्रकार की जानकारी और जागरूकता भी प्रदान करेगा, जो उपचार में मदद करेगा।

विकसित और संरचित स्क्रीनिंग प्रक्रिया

कोलोरक्टल कैंसर की शुरुआती पहचान के लिए अब तक कई तरह के स्क्रीनिंग टूल्स उपलब्ध हैं, लेकिन ColFit प्रोग्राम इस संदर्भ में एक नया कदम है। अपोलो अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट मेडिकल गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट, डॉ. वरुण तेज ने बताया, “यह प्रोग्राम एक संरचित दृष्टिकोण प्रदान करता है जिसमें जोखिम मूल्यांकन और स्क्रीनिंग का महत्वपूर्ण कार्य होता है।” इसके माध्यम से उच्च जोखिम वाले मरीजों की पहचान जल्दी की जाती है, ताकि उन्हें उपयुक्त इलाज प्रदान किया जा सके।

यह प्रोग्राम विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए है जो कोलोरक्टल कैंसर के उच्च जोखिम में होते हैं, जैसे कि जिनका परिवारिक इतिहास है, उम्र 50 साल से अधिक है, या फिर जिनमें कुछ शुरुआती लक्षण दिख रहे हैं। यह कार्यक्रम उन्हे समय रहते चेतावनी देने और उपचार के विकल्प सुझाने में मदद करेगा।

प्रारंभिक पहचान और उपचार में सुधार

सीनियर कंसल्टेंट रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट, डॉ. सुमन दास ने इस प्रोग्राम के लाभ को स्पष्ट करते हुए कहा, “यह सुनिश्चित करता है कि स्क्रीनिंग सभी के लिए सुलभ हो और जल्दी उपचार के लिए प्रोत्साहन मिले, जो जीवित रहने की दर को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ा सकता है।” उनके अनुसार, प्रारंभिक पहचान न केवल इलाज के विकल्पों को बेहतर बनाती है, बल्कि यह मरीज के जीवन की गुणवत्ता को भी सुधारती है।

लॉन्च कार्यक्रम में विशेषज्ञों की उपस्थिति

यह कार्यक्रम अपोलो अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, श्री वी. बाल कृष्णा, अपोलो कैंसर सेंटर के यूनिट प्रमुख श्री के. ब्रह्माजी नायडू, सीनियर कंसल्टेंट रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट, श्री आदित्य नारायण, कंसल्टेंट मेडिकल गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट, डॉ. वी. श्रीनिवास राव और अन्य चिकित्सा विशेषज्ञों की उपस्थिति में लॉन्च किया गया। इन सभी विशेषज्ञों ने इस कार्यक्रम को महत्व देते हुए इस बात पर जोर दिया कि यह एक बहुत ही जरूरी पहल है, जो देश में कोलोरक्टल कैंसर के मामलों की संख्या को घटाने में मदद करेगा।

कोलोरक्टल कैंसर: बढ़ती चिंता

कोलोरक्टल कैंसर भारत में एक बढ़ती हुई चिंता बन चुकी है, खासकर शहरी क्षेत्रों में जहां जीवनशैली में बदलाव आ चुका है। इससे पहले, इस प्रकार के कैंसर को ज्यादा गंभीर नहीं माना जाता था, लेकिन अब यह स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन चुका है। विशेष रूप से मोटापा, अस्वस्थ आहार, शारीरिक गतिविधियों की कमी और वंशानुगत कारणों के चलते यह कैंसर तेजी से बढ़ रहा है।

सभी आयु वर्ग के लोगों में कोलोरक्टल कैंसर के मामलों में वृद्धि हो रही है, और इस कारण इस प्रोग्राम का उद्देश्य लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करना और स्क्रीनिंग के द्वारा समय रहते इलाज के विकल्प उपलब्ध कराना है। यह प्रोग्राम उन लोगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी होगा जो कैंसर के उच्च जोखिम वाले समूह में आते हैं, जैसे कि जिनकी उम्र 50 वर्ष से अधिक है या जिनके परिवार में कैंसर का इतिहास है।

भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम

कोलोरक्टल कैंसर की शुरुआती पहचान के लिए इस स्क्रीनिंग प्रोग्राम की शुरुआत एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है। डॉ. निरंजन, डॉ. वरुण तेज और डॉ. सुमन दास ने इस प्रोग्राम की जरूरत और महत्व को रेखांकित किया, और यह सुनिश्चित किया कि इसके माध्यम से अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच बनाई जाएगी। इसके अलावा, यह कार्यक्रम सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर साबित हो सकता है, क्योंकि यह लोगों को स्वास्थ्य की ओर एक सक्रिय दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित करेगा।

इस स्क्रीनिंग प्रोग्राम ColFit के माध्यम से, अपोलो अस्पताल ने एक बहुत ही प्रभावी कदम उठाया है जो कोलोरक्टल कैंसर के प्रारंभिक पहचान के लिए नए रास्ते खोलेगा। यह न केवल एक तकनीकी पहल है, बल्कि यह लोगों को उनकी स्वास्थ्य स्थिति को लेकर जागरूक भी करेगा। स्वास्थ्य के प्रति यह जागरूकता और स्क्रीनिंग की प्रक्रिया समय के साथ अधिक लोकप्रिय होगी और इससे लाखों लोग अपनी जीवनशैली को सुधारने और स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने में सक्षम होंगे।

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