प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छात्रों की मांग का संज्ञान लेते हुए यूपीपीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2024 को एक ही दिन में कराए जाने का निर्देश दिया। इसके बाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने इस संबंध में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने आयोग को यह आदेश दिया था कि छात्रों से संवाद और समन्वय कर पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2024 को एक दिन में आयोजित किया जाए।
क्या लिया गया फैसला?
सीएम योगी के निर्देश पर यूपीपीसीएस ने फैसला लिया कि अब यूपीपीसीएस प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन में आयोजित की जाएगी। पहले यह परीक्षा 7 और 8 दिसंबर को चार शिफ्टों में आयोजित होने वाली थी, लेकिन अब यह परीक्षा दो शिफ्टों में एक ही दिन यानी 7 दिसंबर को आयोजित की जाएगी।
इसके साथ ही आरओ/एआरओ (प्री.) परीक्षा-2023 के लिए आयोग द्वारा एक समिति का गठन किया गया है, जो सभी पहलुओं पर विचार कर जल्द अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।
छात्रों का विरोध और नॉर्मलाइजेशन का मुद्दा
छात्रों ने लंबे समय से परीक्षा के नए पैटर्न का विरोध किया था। उनका कहना था कि अलग-अलग शिफ्ट में होने वाली परीक्षा में असमानता हो सकती है। किसी शिफ्ट में कठिन पेपर आ सकता है तो किसी में आसान, जिससे छात्रों को नुकसान होगा। इसके साथ ही छात्रों ने नॉर्मलाइजेशन पद्धति का भी विरोध किया था, क्योंकि इसमें अधिक उम्मीदवारों वाली शिफ्ट में अंक ज्यादा मिलने का खतरा था, जिससे असमान परिणाम उत्पन्न हो सकते थे।
छात्रों का कहना था कि यूपीपीसीएस और आरओ/एआरओ परीक्षा के विज्ञापन में स्पष्ट रूप से एक दिन में परीक्षा आयोजित करने की बात कही गई थी। इसके बावजूद नियमों में बदलाव की वजह से छात्रों में असंतोष था। छात्रों का यह भी कहना था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत किसी खेल के नियमों को खेल के बीच में नहीं बदला जा सकता, तो परीक्षा के नियमों में क्यों बदलाव किया गया?
अब आयोग ने छात्रों की मांग को मानते हुए एक दिन में परीक्षा आयोजित करने का फैसला लिया है, जिससे छात्रों को राहत मिली है।