सिविल लाइन इंस्पेक्टर संजीव कुमार ने मृतक बच्चे के पिता को दी उल्टा मुकदमा लिखने की धमकी
इलाज के दौरान मासूम की मौत, परिजनों ने डॉक्टर पर लगाए लापरवाही के आरोप
रामपुर: जनपद रामपुर के थाना सिविल लाइन क्षेत्र स्थित पनबड़िया लोहा मिल के पास एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान तीन महीने के मासूम बच्चे की मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि बच्चे की मौत डॉक्टर की लापरवाही से हुई है।
परिजनों का कहना है कि बच्चे को केवल हल्का बुखार था, और अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें आश्वासन दिया था कि बच्चे को जल्द ही ठीक कर दिया जाएगा। लेकिन डॉक्टर ने कथित तौर पर एक्सपायर इंजेक्शन लगा दिया, जिससे मासूम की मौके पर ही मौत हो गई।
घटना के बाद अस्पताल में मौजूद डॉक्टर और स्टाफ वहां से फरार हो गए। परिजनों ने तुरंत थाना सिविल लाइन को सूचना दी, जिस पर पुलिस मौके पर पहुंच गई।
लेकिन मामला तब और बिगड़ गया जब सिविल लाइन थाने के इंस्पेक्टर संजीव कुमार ने मृतक बच्चे के पिता को उल्टा मुकदमा लिखने की धमकी दी। पीड़ित परिवार का आरोप है कि इंस्पेक्टर ने उन्हें चुप रहने को कहा और दबाव बनाया कि यदि ज्यादा शिकायत की गई, तो उन्हीं पर मुकदमा दर्ज कर दिया जाएगा।
अब परिजनों ने पुलिस पर भी सवाल उठाए हैं और कहा है कि न्याय के लिए उनके दरवाजे बंद किए जा रहे हैं। मासूम की मां और पिता का रो-रो कर बुरा हाल है। वे मांग कर रहे हैं कि दोषी डॉक्टरों और अस्पताल प्रबंधन पर सख्त कार्रवाई की जाए और पुलिस के पक्षपातपूर्ण रवैये की जांच हो।
घटना से इलाके में आक्रोश फैल गया है और स्थानीय लोग भी पीड़ित परिवार के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। फिलहाल पीड़ित परिवार न्याय की गुहार लगा रहा है, वहीं जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की भूमिका भी अब सवालों के घेरे में आ गई है।
जनता और पीड़ित परिवार की मांग है कि:
आरोपी डॉक्टर और स्टाफ पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए।
एक्सपायर दवाओं और इंजेक्शन की जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
सिविल लाइन इंस्पेक्टर संजीव कुमार के व्यवहार की निष्पक्ष जांच हो।
पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा और न्याय दिलाया जाए।
अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में कितनी तत्परता से कार्यवाही करता है या फिर एक और मासूम की मौत यूं ही फाइलों में दबकर रह जाती है।