उत्तराखंड में UCC लागू करने पर मुख्यमंत्री धामी को हरिद्वार में किया गया सम्मानित

हरिद्वार। संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती के अवसर पर हरिद्वार के बीएचईएल मैदान में आयोजित भव्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने के लिए डॉ. बी.आर. अंबेडकर महामंच द्वारा सम्मानित किया गया।

चिलचिलाती धूप के बावजूद कार्यक्रम में हजारों की संख्या में लोग उपस्थित रहे, जिन्होंने मुख्यमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया और उनके ऐतिहासिक निर्णय का समर्थन किया।

मुख्यमंत्री धामी ने इस सम्मान के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सम्मान केवल एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि उस विचारधारा का है जो भारतीय समाज में वर्षों से समानता और न्याय की अलख जगाती रही है। उन्होंने डॉ. अंबेडकर को युगदृष्टा बताते हुए कहा कि बाबा साहेब मानते थे जब तक समाज के हर व्यक्ति को समान अधिकार प्राप्त नहीं होंगे, तब तक सच्ची समानता संभव नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में UCC लागू करना मात्र एक कानून नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। उन्होंने इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और राज्य सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति को जिम्मेदार ठहराया।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में बताया कि बाबा साहब समरसता स्थल हरिद्वार में बनाया जाएगा, जहां आमजन को अनुसूचित समाज के महापुरुषों के योगदान और भारतीय संविधान की जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही अनुसूचित वर्ग के कल्याण हेतु बहुद्देशीय भवनों, जन-जागरूकता कार्यक्रमों और शैक्षणिक सहायता की कई योजनाएं भी घोषित की गईं।

कार्यक्रम से पूर्व बीएचईएल मैदान से केंद्रीय विद्यालय परिसर तक निकाली गई रैली में जनता ने पुष्पवर्षा कर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। उन्होंने डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि बाबा साहब का जीवन समानता, समरसता और न्याय की प्रेरणा है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि बाबा साहेब ने संविधान में अनुच्छेद 44 के माध्यम से समान नागरिक संहिता को नीति निर्देशक सिद्धांतों में शामिल किया था और इसे सामाजिक व नैतिक आवश्यकता बताया था। उन्होंने समाज में व्याप्त असमानता को खत्म करने के लिए सभी धर्मों के लिए समान कानून की वकालत की थी।

महिलाओं के अधिकारों की बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि UCC लागू होने के बाद उत्तराखंड की मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक, इद्दत, बाल विवाह और बहुविवाह जैसी कुरीतियों से मुक्ति मिली है। अब किसी भी महिला के साथ संपत्ति या उत्तराधिकार में भेदभाव नहीं होगा।

उन्होंने कहा कि बाबा साहेब की सोच और प्रधानमंत्री मोदी की नीतियां एक-दूसरे की पूरक हैं। बाबा साहेब की जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित करना, पंच तीर्थ का निर्माण और अनुसूचित समाज के उत्थान के लिए चलाई जा रही योजनाएं इस सोच का प्रमाण हैं।

मुख्यमंत्री ने अनुसूचित वर्ग के कल्याण के लिए बजट वृद्धि, कक्षा 1 से 12वीं तक छात्रवृत्ति, निःशुल्क छात्रावास, आवासीय विद्यालय, आईटीआई, कोचिंग व्यवस्था और अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना जैसी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य सरकार अनुसूचित समाज को सशक्त, शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने के लिए कटिबद्ध है।

कार्यक्रम में निर्मल दास महाराज, स्वामी यतीश्वरानंद, विनोद दास, उमेश कुमार, किरण चौधरी, मेयर किरण जैसल, विनय रुहेला, जयपाल चौहान, देशराज कर्णवाल, बीजेपी जिलाध्यक्ष आशुतोष शर्मा, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, कुंवर प्रणव चैंपियन सहित प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

यह आयोजन न केवल बाबा साहेब को श्रद्धांजलि था, बल्कि नए भारत की ओर बढ़ते उत्तराखंड की सामाजिक चेतना का प्रतीक भी बना।

साभार- अविकल उत्तराखंड

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