चैत्र नवरात्रि 2025: अष्टमी और नवमी की तिथि, कन्या पूजन मुहूर्त और विशेष जानकारी
नई दिल्ली: चैत्र नवरात्रि हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो हर साल चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होता है। यह पर्व न केवल मां दुर्गा की पूजा-अर्चना का समय होता है, बल्कि हिंदू नववर्ष का आरंभ भी माना जाता है। इस पर्व के दौरान भक्तगण उपवास रखते हुए देवी दुर्गा की नौ रूपों की पूजा करते हैं। इस वर्ष 30 मार्च 2025 से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है, और यह पर्व 6 अप्रैल 2025 को राम नवमी के साथ समाप्त होगा।
नवरात्रि के अंतिम दो दिन, यानी अष्टमी और नवमी तिथि पर विशेष पूजा की जाती है, जिसमें कन्या पूजन का विशेष महत्व है। इस लेख में हम जानेंगे अष्टमी और नवमी की तिथि के बारे में, साथ ही कन्या पूजन के शुभ मुहूर्त की जानकारी भी देंगे।
कब है अष्टमी?
इस वर्ष चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 4 अप्रैल 2025 को रात 8:12 बजे से होगी। इस तिथि का समापन 5 अप्रैल 2025 को रात 7:26 बजे होगा। उदया तिथि के अनुसार, अष्टमी 5 अप्रैल 2025 को शनिवार को मनाई जाएगी। इसलिए इस दिन कन्या पूजन करने वाले भक्तगण इस दिन कन्याओं को भोजन करा सकते हैं।
कब है नवमी?
इस वर्ष नवमी तिथि की शुरुआत 5 अप्रैल 2025 को रात 7:26 बजे से होगी, और यह तिथि 6 अप्रैल 2025 को रात 7:22 बजे तक जारी रहेगी। इस दिन, 6 अप्रैल 2025 को राम नवमी मनाई जाएगी, और साथ ही कन्या पूजन भी किया जाएगा। इस दिन अपने व्रत का पारण भी किया जा सकता है।
अष्टमी कन्या पूजन मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 35 मिनट से 05:21 मिनट तक
प्रातः सन्ध्या – सुबह 04 बजकर 58 मिनट से 06:07 मिनट तक
अभिजित मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक
नवमी कन्या पूजन मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 34 मिनट से 05:20 मिनट तक
प्रातः सन्ध्या – सुबह 04 बजकर 57 मिनट से 06:05 मिनट तक
अभिजित मुहूर्त- सुबह 11 बकर 58 मिनट से 12 बजकर 49 मिनट तक
दुर्गा स्तुति मंत्र
“या देवी सर्वभूतेषु मातृरुपेण संस्थिता।
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरुपेण संस्थिता।।
या देवी सर्वभूतेषु शान्तिरुपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।”
इस प्रकार, चैत्र नवरात्रि के अष्टमी और नवमी तिथियों में कन्या पूजन का विशेष महत्व है। उपरोक्त मुहूर्तों के अनुसार पूजा और व्रत पारण करें, और मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करें।