केंद्र सरकार की ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ पर बड़ी तैयारी, संसद में पेश हो सकता है बिल

नई दिल्ली: केंद्र सरकार “वन नेशन-वन इलेक्शन” (एक देश, एक चुनाव) पर तेजी से काम कर रही है और इस संदर्भ में महत्वपूर्ण कदम उठाने की योजना बना रही है। सूत्रों के अनुसार, सरकार इस बिल को आगामी संसद के शीतकालीन सत्र में पेश कर सकती है। इसके बाद इसे संसद की संयुक्त समिति के पास भेजा जा सकता है, ताकि इस पर विस्तृत चर्चा की जा सके और आम सहमति बनायी जा सके।

JPC के पास भेजा जाएगा बिल

  • सरकार चाहती है कि बिल पर चर्चा के लिए इसे संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेजा जाए।
  • JPC में सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि, राज्य विधानसभाओं के स्पीकर, और अन्य संबंधित स्टेकहोल्डर्स की राय ली जाएगी।
  • इसके साथ ही आम नागरिकों की भी राय ली जाएगी, ताकि यह बिल सर्वसम्मति से पारित हो सके।

पूर्व राष्ट्रपति कोविंद की समिति की रिपोर्ट

  • सितंबर 2023 में केंद्रीय कैबिनेट ने “वन नेशन-वन इलेक्शन” के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
  • इसके बाद पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक पैनल बनाया गया था, जिसने विभिन्न स्टेकहोल्डर्स और विशेषज्ञों से चर्चा की और रिपोर्ट तैयार की।
  • कोविंद पैनल ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को 14 मार्च 2024 को सौंपी थी, जिसमें कई महत्वपूर्ण सिफारिशें की गई हैं।

कोविंद पैनल की सिफारिशें

  • सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल 2029 तक बढ़ाया जाए।
  • अगर कोई विधानसभा हंग (किसी दल को बहुमत नहीं) हो या नो कॉन्फिडेंस मोशन पास हो, तो नए चुनाव कराए जा सकते हैं।
  • पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएं, इसके बाद 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाएं।
  • चुनाव आयोग द्वारा एक सिंगल वोटर लिस्ट और वोटर आईडी कार्ड तैयार किया जाएगा।

संवैधानिक बदलावों की आवश्यकता

  • कोविंद पैनल ने “वन नेशन-वन इलेक्शन” को लागू करने के लिए 18 संवैधानिक बदलावों का सुझाव दिया है।
  • इन बदलावों में से अधिकांश के लिए राज्यों की सहमति की आवश्यकता नहीं होगी, लेकिन कुछ बदलावों के लिए संसद में बिल पारित कराना जरूरी होगा।
  • विशेष रूप से सिंगल इलेक्टोरल रोल और सिंगल वोटर आईडी कार्ड के लिए आधे से अधिक राज्यों की मंजूरी चाहिए।

चुनाव आयोग और लॉ कमीशन की भूमिका

  • लॉ कमीशन 2029 में लोकसभा, विधानसभा, और स्थानीय निकाय चुनावों को एक साथ कराने के लिए सुझाव दे सकता है।
  • इसके अलावा, लॉ कमीशन गठबंधन सरकार और हंग असेंबली जैसी स्थिति आने पर नियमों की सिफारिश कर सकता है।

विधानसभा कार्यकाल में बदलाव

  • 2029 से पहले देश में विधानसभाओं का कार्यकाल घटने की संभावना है।
  • जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव 2023 के अंत में होंगे, उनका कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है।
  • रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रस्ताव को अगर सभी दल सहमत होते हैं, तो यह 2029 से लागू हो सकता है।

चरणबद्ध तरीके से विधानसभा चुनावों में बदलाव

  • पहला चरण (नवंबर 2025): बिहार में कार्यकाल पूरा होगा, जबकि अन्य राज्यों में जैसे असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, और पुडुचेरी का कार्यकाल घटेगा।
  • दूसरा चरण (दिसंबर 2026): उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गुजरात, कर्नाटक जैसे राज्यों में कार्यकाल में बदलाव होंगे।

कोविंद पैनल का अंतरराष्ट्रीय अध्ययन

  • पैनल ने अपनी रिपोर्ट तैयार करने से पहले 7 देशों की चुनावी प्रक्रिया पर अध्ययन किया और उनका तुलनात्मक विश्लेषण किया।

क्या है “वन नेशन-वन इलेक्शन”?

“वन नेशन-वन इलेक्शन” का मतलब है कि देशभर में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक ही समय पर आयोजित किए जाएं।

  • इतिहास: 1952 से लेकर 1967 तक भारत में लोकसभा और राज्य विधानसभा के चुनाव एक साथ हुए थे, लेकिन 1968 में कई विधानसभाओं के समय से पहले भंग होने के बाद यह परंपरा टूट गई।

इस योजना को लागू करने के लिए कई संवैधानिक बदलावों की आवश्यकता होगी, जिन पर अभी चर्चा हो रही है।

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