मीरापुर। कस्बे के श्री बाला जी मंदिर पर चल रही सात दिवसीय श्री मदभागवत कथा के दूसरे दिन कथा व्यास आचार्य खेमचन्द जी महाराज ने राजा परीक्षित की कथा सुनाते हुए श्रद्धालुओं को मंत्र मुग्ध कर दिया।इस दौरान उन्होंने श्रद्धालुओं को कथा का महत्व बताया।
मीरापुर कस्बे के श्री बाला जी मंदिर पर चल रही श्री मदभागवत कथा के दूसरे दिन वृन्दावन से पधारे विख्यात कथा व्यास आचार्य खेमचन्द जी महाराज ने कहा कि श्री मदभागवत कथा सुनने मात्र से मनुष्य को अमृत्व की प्राप्ति हो जाती है उन्होंने कहा कि श्री मदभागवत कथा की सप्ताह विधि मात्र से राजा परीक्षित ने मृत्यु को भी उत्सव के रूप में स्वीकार कर लिया था तथा खुद को मिले श्राप को भी वरदान मानकर स्वीकार कर लिया था इस लिए सभी प्राणी भगवान की शरण मे जाकर अपने को धन्य बनाएं।ईश्वर की शरण ही मनुष्य को जीवन के सभी मूल्यों की प्राप्ति का एकमात्र साधन है।उन्होंने कहा कि श्री मदभागवत कथा के माध्यम से ईश्वर की शरण प्राप्ति होती है तथा मनुष्य सांसारिक मोह माया के भटकाव भरे जीवन का अर्थ समझ जाता है इसलिए प्रत्येक मनुष्य को श्री मदभागवत कथा अवश्य सुन्नी चाहिए।इस दौरान राजा परीक्षित की कथा का वर्णन सुनकर श्रद्धालु भावुक हो गए।इस दौरान मुख्यरूप से विनोद सुकरालिया,सचिन,रोहित कुमार,रामकिशोर शर्मा,नरेन्द्र सिंह ,प्रियंका,रेखा, आदि मौजूद रहे।