बूंदी: लावारिस लाश का सम्मान सहित अन्तिम संस्कार की आवश्यकता

बूंदी: राजस्थान के बूंदी जिले में लावारिस लाशों के सम्मानजनक अन्तिम संस्कार की व्यवस्था का अभाव देखा जा रहा है। जब किसी मृत व्यक्ति की पहचान नहीं हो पाती, तो उसकी मृत देह का अन्तिम दाह संस्कार स्थानीय निकाय द्वारा किया जाता है। लेकिन इस प्रक्रिया में मृत शरीर का सम्मानजनक तरीके से अन्तिम संस्कार कराने की आवश्यकता महसूस हो रही है।

माटुंदा नहर में लावारिस लाश की घटना
बूंदी जिले के माटुंदा नहर में तीन दिन पूर्व एक मृत व्यक्ति की लाश मिली थी। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद उस लाश को नगर परिषद को सौंप दिया। नगर परिषद के कर्मचारियों द्वारा उस लाश को ट्रैक्टर ट्राली में डालकर ले जाना, एक शर्मनाक घटना थी, जिससे मृत व्यक्ति की अस्मिता और सम्मान का उल्लंघन हुआ।

बूंदी में दाह संस्कार की पारंपरिक व्यवस्था
बूंदी शहर को ‘छोटी काशी’ के नाम से जाना जाता है, और यहां पर दाह संस्कार की विशेष और सम्मानजनक व्यवस्था है। यहां मृत शरीर की घर से कर्मकांड की शुरुआत होती है और श्मशान तक पहुंचने से पहले चार जगह क्रिया करने का विधान है।

आवश्यकता सम्मानजनक व्यवस्था की
नगर परिषद, चिकित्सालय, जिला प्रशासन, दानदाता, रेडक्रास सोसायटी और अन्य संगठन मिलकर लावारिस लाशों के दाह संस्कार के लिए एक सम्मानजनक व्यवस्था करें। ट्रैक्टर ट्राली के बजाय ऐम्बुलेंस या अन्य सम्मानजनक तरीके से मृत शरीर को श्मशान स्थल तक पहुंचाने की आवश्यकता है।

निष्कर्ष
किसी भी लावारिस लाश का सम्मान सहित दाह संस्कार कराना हर शहर और कस्बे की जिम्मेदारी बनती है। इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाने के लिए सभी संबंधित संगठनों और नागरिकों को एकजुट होकर कार्य करना चाहिए।

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