Karnataka: ‘येदियुरप्पा ने चुप कराने के लिए नाबालिग और उसकी मां को दिए थे पैसे’, सीआईडी का आरोप पत्र में दावा

बेंगलुरु। नाबालिग लड़की से छेड़छाड़ के मामले में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दरअसल, मामले की जांच कर रहे अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने आरोपपत्र में उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोपपत्र में कहा गया है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता और तीन अन्य आरोपियों ने पीड़िता और उसकी मां को चुप कराने के लिए पैसे दिए। सीआईडी ने गुरुवार को पॉक्सो मामलों की सुनवाई कर रही विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था।

येदियुरप्पा और तीन अन्य के खिलाफ दर्ज है मामला
येदियुरप्पा के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा 8 (यौन उत्पीड़न के लिए सजा), भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 ए (यौन उत्पीड़न), 204 (दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य नष्ट करना) और 214 (अपराध की जांच के लिए उपहार या संपत्ति की पेशकश करना) के तहत आरोप लगाए हैं। अन्य तीन आरोपियों में अरुण वाईएम, रुद्रेश एम और जी मरिस्वामी शामिल हैं। उन्होंने आईपीसी की धारा 204 और 214 के तहत आरोपी बनाया गया है। ये तीनों आरोपी येदियुरप्पा के सहयोगी हैं।

सीआईडी ने आरोप पत्र में क्या कहा
आरोप पत्र के मुताबिक, इस साल दो फरवरी की सुबह करीब सवा 11 बजे पीड़िता (17 वर्षीय) अपनी मां (54 वर्षीय) के साथ डॉलर्स कॉलोनी में येदियुरप्पा के आवास पर गई थी। बेटी के साथ पहले भी कथित तौर पर यौन उत्पीड़न हुआ था। दोनों येदियुरप्पा के पास इसलिए गए थे ताकि उन्हें पिछले मामले में न्याय पाने में मदद मिल सके। लेकिन जब येदियुरप्पा मां से बात कर रहे थे, तब उन्होंने बाएं हाथ से पीड़िता की दाहिनी कलाई पकड़ रखी थी। इसके बाद येदियुरप्पा ने हॉल के बगल में एक बैठक कक्ष में नाबालिग को बुलाया और दरवाजा बंद कर दिया। इसके बाद पूर्व सीएम ने पीड़िता से पूछा कि क्या उसे उसका चेहरा याद है, जिसने पहले उसका यौन उत्पीड़न किया। इस पर पीड़िता ने दो बार जवाब दिया। इसके बाद येदियुरप्पा ने पीड़िता से पूछा कि तब उनकी उम्र क्या था, जिस पर उन्होंने जवाब दिया- साढ़े छह साल। सीआईडी ने आरोप लगाया कि इसी दौरान येदियुरप्पा ने कथित तौर पर पी़ड़िता का यौन उत्पीड़न करने की कोशिश की।

‘फेसबुक और मोबाइल फोन से वीडियो डिली करवाया’
इसमें आगे कहा गया है कि इसके बाद पीड़िता ने डर के मारे येदियुरप्पा का हाथ झटका और दूर गई और उनसे दरवाजा खोलने के लिए कहा। फिर येदियुरप्पा ने दरवाजा खोला और अपनी जेब से पीड़िता के हाथों में कुछ पैसे देकर बाहर निकल गए। आरोप पत्र में कहा गया है कि तब येदियुरप्पा ने पीड़िता की मां से कहा कि वह उनकी मदद नहीं कर सकते और उन्होंने अपनी जेब से उन्हें कुछ पैसे दिए और उन्हें घर भेज दिया। आरोप पत्र में कहा गया है कि पीड़िता की मां ने फेसबुक अकाउंट पर घटना से जुड़ा वीडियो अपलोड किया, जिसके बाद 20 फरवरी को येदियुरप्पा के कहने पर अन्य आरोपी अरुण, रुद्रेश और मरिस्वामी उनके घर गए और उन्हें अपने आवास पर ले आए। आरोपपत्र के मुताबिक, अरुण ने तब यह सुनिश्चित किया कि पीड़िता की मां अपने फेसबुक अकाउंट और फोन की गैलरी से वीडिया डिलीट कर दे। येदियुरप्पा के निर्देश पर रुद्रेश ने कथित पीड़िता को दो लाख रुपये नकद दिए थे।

सीआईडी ने की थी तीन घंटे तक पूछताछ
येदियुरप्पा के खिलाफ इस साल 14 मार्च को मामला दर्ज किया गया था। बेंगलुरु एक अदालत ने 13 जून को उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था। हालांकि, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 14 जून को सीआईडी को येदियुरप्पा को गिरफ्तार करन से रोक दिया था और उन्हें जांच के लिए पेश होने का निर्देश दिया था। सीआईडी ने 17 जून को येदियुरप्पा से तीन घंटे तक पूछताछ की थी। पीड़िता की मां की पिछले साल फेफड़ों में कैंसर के चलते एक निजी अस्पताल में मौत हो गई थी। पीड़िता के भाई ने इस महीने की शुरुआत में अदालत में याचिका दायर की थी और आोप लगाया था कि 14 मार्च को मामला दर्ज किया गया लेकिन जांच में कोई प्रगति नहीं हुई है। येदियुरप्पा को गिरफ्तार किया जाना चाहिए औ उनसे पूछताछ की जानी चाहिए।

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