भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने मिसाइल मैन की 9वीं पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की

देश भर में " कालम को सलाम " कार्यक्रम के माध्यम से एपीजे अब्दुल कलाम को किया सलाम

रामपुर: भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा द्वारा भारत रत्न मिसाइल मैन पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम की 9वीं पुष्यतिथि मोहल्ला खुर्मे वाली ज़ियारत पर ” कालम को सलाम” शीर्षक से एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी का आगाज़ में पूर्व राष्ट्रपति की तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम मे पूर्व राष्ट्रपति के जीवन पर प्रकाश डाला गया तथा कार्यक्रम मे मौजूद छात्र – छात्राओं को मिसाइल मैन से प्रेरणा लेकर आए बड़ने के प्रेरित किया गया। गौरतलब है कि मिसाइल मैन की पुण्यतिथि पर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिदीक़ी ने नेतृत्व में देश भर में अभियान चलाकर ज़िला स्तर पर “कालम को सलाम ” कार्यक्रम के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि पेश जा रही है। जिस का आगाज़ रामेश्वरम तमिलनाडू स्थित एपीजे अब्दुल कलाम के हाऊस से किया गया।

इस मौके पर भाजपा अल्पसंखयक मोर्चा के राष्ट्रीय सह मीडिया प्रभारी फैसल मुमताज़ ने कहा कि डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भारतीय लोगों के दिलों में “जनता के राष्ट्रपति” और “भारत के मिसाइल मैन” के रुप में हमेशा जीवित रहेंगे। वास्तव में वो एक महान वैज्ञानिक थे जिन्होंने बहुत सारे आविष्कार किये। कलाम एक महान इंसान थे जिन्हें भारत रत्न ,पद्म विभूषण ,पद्म भूषण इंदिरा गांधी, राष्ट्रीय एकता पुरस्कार , रामानुजन अवार्ड ,किंग्स चार्ल्स द्वितीय मेडल ,इंटरनेशनल्स वोन करमान विंग्स अवार्ड ,हूवर मेडल आदि से सम्मानित किया गया। डॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम वास्तव में देश के सभी युवाओं के लिये एक सच्चे दिग्गज थे। अपने पूरे जीवन, पेशे, कार्य और लेखन के माध्यम से नयी पीढ़ी को उन्होंने हमेशा प्रेरणा दी है। वो आज भी हमारे दिलों में मिसाइल मैन और जनता के राष्ट्रपति के रुप में मौजूद हैं। डॉ कलाम का जीवन बेहद संघर्षपूर्ण था हालांकि भारत की नयी पीढ़ी के लिये वो प्रेरणा स्वरुप हैं। वो ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने भारत को एक विकसित देश बनाने का सपना देखा था। जिसके लिये उन्होंने कहा कि “आपके सपने के सच हो सकने के पहले आपको सपना देखना है”। बतौर वैज्ञानिक उन्होंने देश को मिसाइल टेक्नोलॉजी में विश्व स्तरीय बना दिया वहीं एक राष्ट्रपति के रूप में करोड़ों हिन्दुस्तानियों को सपने देखने और उन्हें पूरा करने की प्रेरणा भी दी। उनका कहना था की अपने मिशन में कामयाब होने के लिए, आपको अपने लक्ष्य के प्रति एकचित्त निष्ठावान होना पड़ेगा। अगर आप सूरज की तरह चमकना चाहते हैं तो पहले आपको सूरज की तरह तपना होगा।अत्मविश्वास और कड़ी मेहनत, असफलता नामक बीमारी को मारने के लिए सबसे बढ़िया दवाई है

 

 

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