भाजपा नेताओं ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री के आवास तक निकाला विरोध मार्च, हिरासत में लिए गए कई कार्यकर्ता
बेंगलुरु। विपक्षी भाजपा नेताओं ने कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए बुधवार को यहां मुख्यमंत्री के कार्यालय-सह-आवास का घेराव करने की कोशिश की, लेकिन उन्हें रोक दिया गया और एहतियातन हिरासत में ले लिया गया।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र, कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक, पूर्व मंत्री एस सुनील कुमार, अरागा ज्ञानेंद्र, एस सुरेश कुमार, सी एन अश्वथ नारायण और सीटी रवि समेत पार्टी नेताओं के साथ कई विधायक और बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता मौजूद थे।
पुलिस बलों की भारी तैनाती के कारण भाजपा नेता अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच सके और एहतियातन हिरासत में ले लिए गए।
पार्टी ने आरोप लगाया है कि मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) में करीब 4,000 करोड़ रुपये के वैकल्पिक स्थल (भूखंड) घोटाला हुआ है, जिसमें से एक लाभार्थी मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती हैं।
पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि 180 करोड़ रुपये से अधिक के महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम घोटाले को छिपाने का प्रयास किया जा रहा है, जिसके कारण लेखा अधीक्षक पी चंद्रशेखरन को आत्महत्या करनी पड़ी।
“कांग्रेस सरकार में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार चल रहा है। मुख्यमंत्री के गृह जिले मैसूर में हुआ MUDA घोटाला वाल्मीकि निगम घोटाले से कहीं बड़ा है,” विजयेंद्र ने एहतियातन हिरासत में लिए जाने से पहले संवाददाताओं से कहा।
अशोक ने मांग की कि सरकार को मामले की जांच के लिए आईएएस अधिकारियों के पैनल को मामला सौंपने के बजाय MUDA घोटाले को सीबीआई को सौंप देना चाहिए। उन्होंने यह भी मांग की कि मुख्यमंत्री को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आरोप को झूठा बताते हुए मामले की सीबीआई जांच की भाजपा की मांग को खारिज कर दिया।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “मैंने पहले ही जांच के आदेश दे दिए हैं। भाजपा को ऐसी मांग करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। वे हमसे यह मामला सीबीआई को सौंपने के लिए क्यों कह रहे हैं, जबकि उन्होंने राज्य में अपने कार्यकाल के दौरान एक भी मामला जांच एजेंसी को नहीं सौंपा।” मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पत्नी को राज्य में पिछली भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई योजना के तहत वैकल्पिक स्थल मिले थे। सिद्धारमैया ने कहा, “भाजपा नेता आरोप लगा रहे हैं कि भूमि खोने वालों को 50 प्रतिशत विकसित भूमि देने की नीति का दुरुपयोग किया गया है। यह देखने के लिए कि कोई दुरुपयोग हुआ है या नहीं, हमने जांच के आदेश दिए हैं।”
उन्होंने संवाददाताओं से यह भी कहा कि MUDA द्वारा (वैकल्पिक भूखंडों के रूप में) आवंटित सभी साइटों (भूखंडों) को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने कहा, “जब ये साइटें निलंबित हो जाती हैं, तो सरकार को नुकसान कहां होता है? हमने उन सभी अधिकारियों को स्थानांतरित कर दिया है जिनके कार्यकाल के दौरान वैकल्पिक स्थल वितरित किए गए थे। हम एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी से इसकी जांच करवा रहे हैं। रिपोर्ट आने के बाद हम कार्रवाई शुरू करेंगे।”