हरियाणा में लोकसभा चुनाव के साथ 5 जून को विधानसभा की एक सीट पर उपुचनाव के भी नतीजे आए। यह विधानसभा सीट करनाल की थी। बीजेपी ने यहां से नायब सैनी को मैदान में उतारा है।
चंडीगढ़: हरियाणा में मंगलवार को घोषित हुए लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद प्रदेश की राजनीति का परिदृश्य भी बदल गया है। करनाल विधानसभा उपचुनाव का परिणाम घोषित होने के बाद प्रदेश में बीजेपी विधायकों की संख्या बढ़कर 41 हो गई है। दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन के साथ बीजेपी के पास आंकड़ा 43 हो गया। हालांकि, अब भी हरियाणा की नायब सरकार पर बहुमत का संकट बना रहेगा।
हरियाणा विधानसभा में दो विधायकों के इस्तीफा देने और एक विधायक की मौत के बाद विधायकों की संख्या 87 रह गई थी। मंगलवार को घोषित हुए परिणाम में कांग्रेस के वरुण मुलाना चुनाव जीत गए। मुलाना के इस्तीफे के बाद विधायकों की संख्या 86 बचेगी। नायब सैनी के करनाल विधानसभा उपचुनाव जीतने के बाद विधायकों की संख्या फिर से 87 हो गई है।
बीजेपी के पास 43 का आंकड़ा
ऐसे में बीजेपी के पास अपने 41 विधायक हैं तो एक निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत सरकार के साथ हैं। इसके अलावा हरियाणा लोकहित पार्टी के विधायक गोपाल कांडा भी सरकार को समर्थन दे रहे हैं। बीजेपी और समर्थक विधायकों की संख्या सदन में 43 हो गई है। ऐसे में अगर बीजेपी के सामने बहुमत साबित करने की नौबत आती है तो एक विधायक कम पड़ेगा।
राज्यसभा की सीटों के समीकरण भी बदल दिए
उधर, लोकसभा चुनाव परिणाम ने राज्यसभा की सीटों के समीकरण भी बदल दिए हैं। हरियाणा से इस समय बीजेपी की तरफ से सुभाष बराला, कृष्ण लाल पंवार और राम चंद्र जांगड़ा राज्यसभा के सांसद हैं। कार्तिकेय शर्मा बीजेपी समर्थित निर्दलीय सांसद हैं। इसके अलावा कांग्रेस की तरफ से दीपेंद्र हुड्डा राज्यसभा सांसद हैं। दीपेंद्र हुड्डा का कार्यकाल 9 अप्रैल 2026 तक है। दीपेंद्र हुड्डा के लोकसभा में जाने के बाद अब हरियाणा में यह सीट खाली हो जाएगी। राज्यसभा के मध्यावधि चुनाव के लिए जब कार्यक्रम जारी होगा तो विधानसभा में विधायकों की संख्या के आधार पर यह सीट बीजेपी के खाते में चली जाएगी। इसके बाद बीजेपी हरियाणा के रास्ते राज्यसभा में और मजबूत होगी।