Birthday Special: सड़क छाप गुंडे से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने नारायण राणे का कुछ ऐसा रहा राजनीतिक सफर…

नारायण राणे और शिवसेना के उद्धव ठाकरे का है छत्तीस का आंकडा

नई दिल्ली। कभी अपनी आजीविका के लिए एक चिकन शॉप के मालिक अब भारत सरकार के राजस्व मंत्री हैं। आज अपना 75वां जन्मदिन मनाने जा रहे है महाराष्ट्र के कद्दावर नेता नारायण राणे कभी स्ट्रीटफाइटर थे। कहा जाता है कि नारायण राणे को महाराष्ट्र के सीएम की कुर्सी तक पहुंचाने में बालासाहब ठाकरे का बड़ा हाथ रहा। राणे ने 16 की उम्र में शिवसेना से जुड़ने का फैसला किया था। फिर समय बीतता गया और शिवसेना से बगावत करके राणे ने कांग्रेस का दामन थामा और फिर कांग्रेस का हाथ छोड़ वे भाजपा के भगवा रंग में रग गए।

जीवन परिचय
नारायण राणे का जन्म 10 अप्रैल 1952 को रत्नागिरी के एक सामान्य परिवार में हुआ था। नारायण राणे के पिता का नाम तातू सीताराम राणे और माता का नाम लक्ष्मीबाई तातु राणे है।

शिक्षा
नारायण राणे ने अपनी स्कूली शिक्षा मुंबई के ही एक स्कूल से पूरी की है। नारायण राणे ने घाटकोपर शिक्षण प्रसारक मंडल रत्न शाला से 11वीं तक पढ़ाई की है।

व्यक्तिगत जीवन
नारायण राणे की पत्नी का नाम नीलम राणे है। नारायण राणे के दो पुत्र है। नारायण राणे के बेटों का नाम नीलेश राणे और नीतेश राणे है। नितेश राणे भाजपा के विधायक है।

नारायण राणे का राजनीतिक करियर
नारायण राणे ने अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत साल 1968 में 16 साल की उम्र में शिवसेना से की थी। शिवसेना में लोकप्रिय होने के बाद शिवसेना प्रमुख बाला साहब ठाकरे ने नारायण राणे को चेंबूर में शिवसेना का शाखा प्रमुख बना दिया। साल 1996 में महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना की गठबंधन सरकार में नारायण राणे राजस्व मंत्री बने। फिर 1999 में नारायण राणे ने महाराष्ट्र के सीएम की कुर्सी संभाली। 2005 में शिवसेना ने नारायण राणे को पार्टी से बाहर कर दिया फिर वे कांग्रेस में शामिल हो गए।
साल 2017 में नारायण राणे ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर अपनी खुद की पार्टी महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष बनाई..फिर वे भाजपा ने शामिल हो गए। साल 2021 में नरेन्द्र मोदी ने नारायण राणे को MSME मंत्रालय दिया।

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