Birthday Special:भारतीय राजनीति के बेबाक नेताओं में से एक हैं राम नाईक, संभाल चुके है उत्तर प्रदेश के 28वें राज्यपाल का कार्यभार
राम नाईक को दिया जाता है संसद में वंदे मातरम शुरू कराने का श्रेय
नई दिल्ली। भारतीय राजनीतिज्ञ तथा भाजपा के वरिष्ठ नेता राम नाईक का आज 91वां जन्मदिन है। उत्तर प्रदेश के 28वें राज्यपाल रह चुके राम नाईक ने कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी को भी मात दी है। राम नाईक देश के सभी राज्यपालों के लिए एक आदर्श राज्यपाल रहे जो नियमित रूप से जनता के सामने अपने कार्यों की रिपोर्ट प्रस्तुत करते थे। विपक्षी दल में हों या सत्ताधारी दल में जनसेवा को अपना धर्म मानने वाले राज्यपाल राम नाईक का सार्वजनिक जीवन भावी जनप्रतिनिधियों के लिए मार्गदर्शक साबित हुआ है।
जीवन परिचय
राम नाईक का जन्म 16 अप्रैल 1934 को महाराष्ट्र के सांगली में हुआ था। राम नाईक की पत्नी का नाम कुंदा नाइक था। 21 फरवरी 2023 को उनका निधन हो गया है। इनके 2 बच्चें है- विशाखा कुलकर्णी और निशिगंधा नाइक
शिक्षा
राम नाईक की शुरुआती पढ़ाई सांगली के आटपाडी गांव में हुई थी। इसके बाद राम नाईक ने पुणे में बृहन महाराष्ट्र कॉमर्स महाविद्यालय से 1954 में बीकॉम और किशनचंद चेलाराम महाविद्यालय से 1958 में एलएलबी की डिग्री हासिल की।
करियर
राम नाईक ने व्यावसायिक जीवन की शुरुआत अकाउंटेंट जनरल के ऑफिस में अपर डिवीजन क्लर्क के रूप में शुरू की। 1969 तक निजी क्षेत्र में कंपनी सचिव और प्रबंध सलाहकार के रूप में काम किया।
राजनीति सफर
बचपन से आरएसएस के स्वयंसेवक रह चुके राम नाईक ने पॉलिटिकल करियर की शुरुआत भारतीय जनसंघ के स्थानीय कार्यकर्ता के रूप में की थी। बीजेपी मुंबई के 3 बार अध्यक्ष भी रहे हैं। साथ ही बीजेपी के सुशासन प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक भी रह चुके हैं। राम नाईक का महाराष्ट्र के उत्तर मुंबई लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से लगातार 5 बार जीतने का रिकॉर्ड रहा है। राम नाईक ने 22 जुलाई 2014 को देश के सबसे बड़े प्रदेश यूपी के गवर्नर का कार्यभार संभाला। मुंबई रेल विकास निगम की स्थापना राम नाईक की देन है।
उपलब्धियां
2024 में उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाईक को पद्म भूषण के सम्मान से नवाजा गया।