Birthday Special: “नारू भाई” से डॉ. नरोत्तम मिश्रा का सफर, सेवा, समर्पण, संयम और अनुशासन जैसे गुण ने उन्हें बनाया राजनीति का चमकता सितारा

बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि और आकर्षित करने की कला के धनी थे डॉ. नरोत्तम मिश्रा

नई दिल्ली। मध्यप्रदेश में भाजपा के दिग्गज नेताओं में से डॉ नरोत्तम मिश्रा भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य भी है। नरोत्तम मिश्रा को भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का भरोसेमंद माना जाता है। आज अपना 63वां जन्मदिन मनाने जा रहे मिश्रा भाजपा संघठन के कई पदों पर कार्य किया। उनका परिश्रम व सेवा भाव देख पार्टी ने उन्हें 1990 में विधायक का टिकट दिया। उसके बाद से आज तक लगभग 33 सालों से वह लगातार विधायक हैं और पांच बार के मंत्री भी है। वर्तमान में मिश्रा गृह,जेल, विधि व संसदीय कार्य जैसे महत्वपूर्ण विभाग कुशलता पूर्वक संभाल रहे है।

जीवन परिचय
डॉ. नरोत्तम मिश्रा का जन्म 15 अप्रैल 1960 को ग्वालियर में हुआ था। उनके पिता का नाम डॉ. शिवदत्त मिश्रा था।

व्यक्तिगत जीवन
दोस्तों नरोत्तम मिश्रा की पत्नी का नाम गायत्री मिश्रा है। नरोत्तम मिश्रा के बेटे का नाम सुकर्ण मिश्रा है। नरोत्तम मिश्रा की एक बेटी भी है। नरोत्तम मिश्रा के दामाद का नाम अविनाश लवानिया है और वह एक आईएएस अधिकारी है।

शिक्षा
डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने एम.ए. और पी.एच.डी. हैं।

करियर
डॉ. मिश्रा का मुख्य व्यवसाय कृषि है। डॉ. नरोत्तम मिश्रा 1977-78 में जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर के छात्रसंघ के सचिव एवं सन् 1978-80 में म.प्र.भारतीय जनता युवा मोर्चा की प्रान्तीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे। डॉ. मिश्रा वर्ष 1985-87 में म.प्र. भाजपा की प्रान्तीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे। वे वर्ष 1990 में नवम विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए तथा लोक लेखा समिति के सदस्य रहे। डॉ. मिश्रा वर्ष 1990 में विधान सभा में सचेतक भी रहे। डॉ. नरोत्तम मिश्रा को एक जून, 2005 को मुख्यमंत्री श्री बाबूलाल गौर के मंत्रिमण्डल में राज्य मंत्री के रूप में शामिल किया गया।
डॉ. मिश्रा को 4 दिसम्बर, 2005 को सीएम शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में शामिल किया गया। मिश्रा ने 21 दिसम्बर, 2013 को केबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली।

समाज सेवा
दतिया में आई बाढ़ में फंसे परिवार को बचाने के लिए मिश्रा ने अपनी जान की बाजी लगा दी थी..ऐसे और भी कई उदाहरण हैं जो यह बताते हैं कि डॉ.नरोत्तम मिश्रा के लिए मानव सेवा ही भगवान की सेवा है।

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