Birthday special : बेहतरीन अदाकारी और रौबदार आवाज के लिए जाने जाने है डैनी डेन्जोंगपा, खलनायकी में अच्छे- अच्छों को दी मात
नई दिल्ली। हिन्दी फिल्मों के मशहूर अभिनेता और खलनायक ..डैनी डेन्जोंगपा तो आपको याद ही होंगे….. उनकी फिल्म ‘घातक’ के कात्या ..आज भी उनके फैंस भुल नही पाए है….अपनी बेहतरीन अदाकारी और रौबदार आवाज के लिए फेमस डैनी डेन्जोंगपा.. भारत के चौथे सर्वोच्च सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किए जा चुके हैं। आज अपना 75वां जन्मदिन मनाने जा रहे डैनी ने…अपने करियर के शूरूआती दिनों में नेपाली तथा हिन्दी फ़िल्मों में गाने भी गाए थे।
जीवन परिचय
डैनी डेन्जोंगपा का असली नाम शेरिंग फिंसो डेंग्जोंग्पा है। डैनी डेन्जोंगपा का जन्म 25 फ़रवरी 1948 को सिक्किम में हुआ था। डैनी भुटिया जाति के हैं एवं भुटिया इनकी मातृभाषा है। उनका परिवार हॉर्स राइडिंग से जुड़ा हुआ था।
शिक्षा
डैनी की शुरूआती पढ़ाई सिक्किम से ही हुई। इसके बाद की पढ़ाई उन्होंने बिरला विद्या मंदिर और सेंट जोसेफ कॉलेज, दार्जिलिंग से की डैनी ने फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, पुणे से एक्टिंग का कोर्स किया था।
व्यक्तिगत जीवन
डैनी ने सिक्किम की राजकुमारी गावा डेन्जोंगपा के साथ 1990 में विवाह कर लिया था। उनके दो बच्चे हैं-रिनजिंग डेन्जोंगपा और पेमा डेन्जोंगपा।
करियर
उनके करियर की शुरूआत फिल्म ‘जरूरत’ से हुई थी लेकिन फिल्म ‘मेरे अपने’ में उन्होंने सकारात्मक भूमिका निभाई। उन्होंने पहली प्रमुख नकारात्मक भूमिका फिल्म ‘धुंध’ में निभाई। इसके बाद वे कई फिल्मों में दिखाई दिए और उनके अभिनय का कमाल सभी ने देखा। आलोचकों और जनता ने हमेशा से ही उनको सराहा है। फिल्म ‘घातक’ में उनके द्वारा निभाया गया किरदार ‘कात्या’ आज भी लोगों को भुलाए नहीं भूलता। ‘अग्निपथ’, ‘हम’, ‘सनम बेवफा’, ‘खुदा गवाह’, ‘घातक’ और ‘बेबी’ जैसी कई फिल्मों में डैनी ने अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया है।
आर्मी ज्वाइन करना चाहते थे डैनी डेन्जोंगपा
डैनी डेन्जोंगपा इंडियन आर्मी ज्वाइन करना चाहते थे लेकिन अपनी मां के कहने पर डैनी डेन्जोंगपा ने फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने का फैसला किया और अपने फिल्मी करियर में डैनी डेन्जोंगपा ने लगभग 200 से भी ज्यादा फिल्मों में अभिनय किया है जिसमें से 40 से भी ज्यादा फिल्मों में डेनी डेन्जोंगपा ने खलनायक का किरदार निभाया है।
लव स्टोरी
बॉलीवुड की फेमस लव स्टोरी में से एक परवीन बाबी और डैनी की लव स्टोरी भी है,जिसे आज भी याद किया जाता है। परवीन और डैनी एक दूसरे से काफी प्यार करते थे। दोनों 4 साल तक लिव इन में भी रहे थे।
उपलब्धियां
वर्ष 1992 में उन्हें ‘सनम बेवफा’ के लिए फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
वर्ष 1993 में डैनी को ‘खुदा गवाह’ के लिए फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
वर्ष 2003 में उन्हें “पद्मश्री” से सम्मानित किया गया।