Birth Anniversary: पहली ही फिल्म रही फ्लॉप लेकिन रचा इतिहास, महाभारत बनाने वाले बी आर चोपड़ा ने सिने जगत में बनाई अपनी खास पहचान
पारिवारिक, सामाजिक और साफ-सुथरी फ़िल्मों के लिए जानें जाते है बल्देव राज चोपड़ा
नई दिल्ली। बल्देव राज चोपड़ा यानि ‘बी. आर. चोपड़ा’ एक ऐसे फ़िल्मकार है जिन्होंने पारिवारिक, सामाजिक और साफ-सुथरी फ़िल्में बनाकर लगभग पांच दशक तक सिने प्रेमियों के दिलों में अपनी ख़ास पहचान बनाई। ‘चोपड़ा ने विधवा पुनर्विवाह और वेश्यावृत्ति जैसी सामाजिक समस्या को अपनी फ़िल्मों का विषय बनाया। उनकी ज़्यादातर फ़िल्में किसी न किसी सामाजिक मुद्दे पर आधारित रहती थीं।
जीवन परिचय
बी. आर. चोपड़ा का जन्म 22 अप्रैल 1914 को तत्कालीन पंजाब राज्य के लुधियाना शहर में हुआ था। बलदेव के छोटे भाई यश चोपड़ा, बेटे रवि चोपड़ा और भतीजे आदित्य चोपड़ा भी फिल्मी उद्योग में कार्य करते हैं।
शिक्षा
बी. आर. चोपड़ा ने अंग्रेज़ी साहित्य में अपनी स्नातकोत्तर की शिक्षा लाहौर के मशहूर ‘गवर्नमेंट कॉलेज’ में पूरी की थी। इस कॉलेज ने फ़िल्म और साहित्य जगत् को ‘बलराज साहनी’, ‘देवानंद’, ‘चेतन आनंद’ और ‘खुशवंत सिंह’ जैसी शख्सियतें दी हैं।
व्यवसाय की शुरुआत
बी. आर. चोपड़ा ने अपने कैरियर की शुरूआत फ़िल्म पत्रकार के रूप में की थी। 1949 में फ़िल्म ‘करवट’ से उन्होंने फ़िल्म निर्माण के क्षेत्र में कदम रखा। 1951 में अशोक कुमार अभिनीत फ़िल्म ‘अफ़साना’ को बी. आर. चोपड़ा ने निर्देशित किया। इस फ़िल्म की सफलता के बाद बी. आर. चोपड़ा फ़िल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में सफल हो गए। वर्ष 1955 में उन्होंने ‘बी. आर. फ़िल्मस बैनर’ का निर्माण किया। इसकी सफलता ने बी. आर. चोपड़ा को आकाश की बुलन्दियों पर पहुंचा दिया।
महाभारत सीरियल का निर्माण
दूरदर्शन के इतिहास में अब तक सबसे ज़्यादा कामयाब रहे सीरियल ‘महाभारत’ के निर्माण का श्रेय भी बी. आर. चोपड़ा को ही जाता है। 96 प्रतिशत दर्शकों तक पहुंचने के साथ ही इस सीरियल ने अपना नाम ‘गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में भी दर्ज कराया।
उपलब्धियां
बी. आर. चोपड़ा को 1998 में हिन्दी सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान ‘दादा साहब फाल्के पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। इसके अलावा 1960 में प्रदर्शित फ़िल्म ‘क़ानून’ के लिए वह सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के रूप में ‘फ़िल्म फ़ेयर पुरस्कार’ से सम्मानित किए गए थे।
निधन
5 नवम्बर 2008 को बी. आर. चोपड़ा का निधन हो गया था।