Birth Anniversary: किसी सिनेमा से कम नहीं सुचित्रा सेन की असल कहानी, शादी के बाद शुरू की थी एक्टिंग
विदेशी अवॉर्ड पाने वाली पहली इंडियन एक्ट्रेस सुचित्रा सेन ने ठुकराया था राजकपूर का ऑफर
नई दिल्ली। सुचित्रा सेन विदेश में अवार्ड पर पाने वाली पहली भारतीय अभिनेत्री थी उनका असली नाम रोमा दासगुप्ता था। सुचित्रा सेन बंगाली सिनेमा की एक ऐसी हस्ती थीं, जिन्होंने अपनी अलौकिक सुंदरता और बेहतरीन अभिनय के दम पर लगभग तीन दशक तक दर्शकों के दिलों पर राज किया।
हिरणी जैसी आंखों वाली सुचित्रा की प्रसिद्धि का आलम यह था कि दुर्गा पूजा के दौरान देवी लक्ष्मी और सरस्वती की प्रतिमाओं के चेहरे सुचित्रा के चेहरे की तरह बनाए जाते थे।
जीवन परिचय
सुचित्रा सेन का बचपन का नाम रोमा दासगुप्ता था। सुचित्रा सेन का जन्म 6 अप्रैल,1931 को बंगाल के पबना जिले में हुआ था। सुचित्रा सेन के पिता का नाम करुणामॉय दासगुप्ता था। सुचित्रा सेन तीन भाई और पांच बहनों में पांचवें नंबर पर थी। उनकी मां का नाम इन्दिरा था।
शिक्षा
सुचित्रा सेन ने अपनी स्कूल की पढ़ाई पबना से ही की थी। इसके बाद में इंग्लैंड चली गई और समरविले कॉलेज ऑफ ऑक्सफोर्ड से अपना ग्रेजुएशन किया।
व्यक्तिगत जीवन
1947 में कलकत्ता के बार-एट-लॉ आदिनाथ सेन के बेटे दिबानाथ सेन के साथ सुचित्रा की शादी कर दी गई थी। 1969 में एक दुर्घटना में उनके पति की मृत्यु हो गई थी। उनकी बेटी मुनमुन भी अभिनेत्री थी। उनकी दो ग्रेंड डॉटर रिया और राइमा सेन भी फिल्म अभिनेत्री हैं।
करियर
सुचित्रा ने फिल्म ‘शेष कोथाई’से की थी लेकिन यह फिल्म रिलीज नहीं हुई। उनकी दूसरी फिल्म ‘सात नम्बर कैदी’ में वे समर राय के साथ दिखाई दी। सुचित्रा सेन ने 1955 में बिमल राय की हिन्दी फ़िल्म ‘देवदास’ में पारो की भूमिका निभाई थी। 1959 की बंगाली फ़िल्म ‘दीप जवेले जाई’ को सुचित्रा की सर्वश्रेष्ठ फ़िल्मों में गिना जाता है। 1975 की फ़िल्म ‘आंधी’ में सुचित्रा ने इतना जबरदस्त अभिनय किया था कि उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए नामित किया गया था।
उपलब्धियां
सुचित्रा सेन ने इंटरनेशल फ़िल्म फेस्टिवल अवॉर्ड जीता। उन्होंने 1963 के मॉस्को फ़िल्म फेस्टिवल में अपनी फ़िल्म ‘सात पाके बांधा’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार जीता था। 1972 में भारत सरकार ने उन्हे पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा था।
निधन
17 जनवरी 2014 को 82 साल की उम्र में सुचित्रा सेन का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था।