Birth Anniversary: अपने दम पर भारतीय राजनीति में बनाई अपनी पहचान, पीएम मोदी मंत्रिमंडल में एकमात्र मुस्लिम महिला सदस्या रही डॉ. नजमा
दो बार मणिपुर की राज्यपाल रही नजमा ने हृदय रोग विज्ञान में की है पीएच.डी.
नई दिल्ली। सौम्य, मृदुल एवं प्रभावशाली व्यक्तित्व वाली प्रसिद्ध महिला राजनीतिज्ञ डॉ. नजमा हेपतुल्ला ने भारतीय राजनीति में अपनी योग्यता के बल पर अपना एक मुकाम बनाया है। नजमा हेपतुल्ला, प्रधानमंत्री मोदी के मंत्रिमंडल में सबसे अधिक उम्र की और एकमात्र मुस्लिम महिला सदस्या रही हैं। उन्हें अल्पसंख्यक मामलों का मंत्री बनाया गया था। वह दो बार मणिपुर की राज्यपाल रही भी रही हैं।
जीवन परिचय
डॉ. नजमा हेपतुल्ला का जन्म 13 अप्रैल 1940 को मध्यप्रदेश के भोपाल में हुआ था। डॉ. हेपतुल्ला रिश्ते में मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की नातिन थी। डॉ. नजमा का पूरा नाम नजमा अकबर अली हेपतुल्ला है। डॉ. नजमा के पिता का नाम सैय्यद युसुफ बिन अली अलहश्मी और माता का नाम सय्यदा फातिमा युसूफ अली था।
शिक्षा
डॉ. नजमा हेपतुल्ला ने अपनी स्कूली शिक्षा भोपाल के मोतीलाल विज्ञान महाविद्यालय से प्राप्त की। 1960 में उन्होंने जूलॉजी में मास्टर डिग्री प्राप्त की उसके बाद हृदय रोग विज्ञान में पीएच.डी. की है।
व्यक्तिगत जीवन
नजमा हेपतुल्ला की शादी प्रसिद्ध मानव संसाधन सलाहकार अकबर अली ए हेपतुल्ला से हुई। जिनसे उन्हें तीन बेटियां हैं। सितंबर 2007 में अकबरली का निधन हो गया।
राजनैतिक जीवन
मुंबई प्रदेश कांग्रेस कमेटी की महासचिव और उपाध्यक्ष रहीं हेपतुल्ला 1980 से राज्यसभा की सदस्य हैं। वह 1985 से 1986 तथा 1988 से जुलाई 2007 तक राज्यसभा की उपसभापति रहीं इस दौरान उन्होंने सदन की कार्रवाई का कुशल संचालन किया और वह सत्तापक्ष तथा विपक्ष में भी लोकप्रिय बनी रहीं। डॉ. हेपतुल्ला ‘भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद’ की अध्यक्ष भी रहीं। नजमा हेपतुल्ला जुलाई 2004 में दोबारा राज्यसभा के लिए भाजपा की टिकट पर चुनी गईं। वे भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य भी बनाई गईं।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया की पहली महिला कुलाधिपति
मणिपुर की राज्यपाल रह चुकी डॉ. नजमा हेपतुल्ला को 26 मई 2018 को जामिया मिल्लिया इस्लामिया की पहली महिला कुलाधिपति (अमीर-ए-जामिया) के रूप नियुक्त किया गया था। उन्होंने ‘एड्स: ऐप्रोचेज टु प्रिवैंशन” नाम की किताब भी लिखी है।