Birth Anniversary: अपने 60 साल के अपने करियर में ज़ोहरा सहगल ने दो महाद्वीपों में बनाई अपनी पहचान

ज़ोहरा सहगल ने महज एक साल की उम्र में ग्लूकोमा की वजह से खो दी थी अपनी एक आंख की रोशनी

नई दिल्ली। नृत्य हो रंगमंच, टेलीविजन हो या फ़िल्में, ऐसा कोई मंच नहीं जहां ज़ोहरा सहगल ने अपनी छाप न छोड़ी हो…. 60 साल के अपने करियर में उन्होंने कला के हर पहलू को छुआ और दो महाद्वीपों में अपनी पहचान बनाई। जोहरा सहगल हिंदी सिनेमा वह एक्ट्रेस थी जो अपनी जिंदादिली से कभी बूढ़ी नहीं हुईं.. आजादी से पहले ही ये नाम दुनिया की उन गिनी-चुनी भारतीय महिलाओं में से एक है, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी पहचान मिली

जीवन परिचय
ज़ोहरा सहगल का जन्म 27 अप्रैल, 1912 को रामपुर में हुआ। इनके बचपन का नाम साहिबज़ादी ज़ोहरा मुमताज़ उल्लाह खान बेगम था। उनके पिता का नाम, मुमताज़ उल्लाह खान और मां का नाम नतीक़ा बेगम था। ज़ोहरा अपने सात भाई-बहनों में से तीसरी थी। जब ज़ोहरा छोटी थीं तभी उनकी मां की मृत्यु हो गई। जोहरा सहगल ने महज एक साल की उम्र में ग्लूकोमा की वजह से वह अपनी एक आंख की रोशनी खो दी थीं, लेकिन इलाज के बाद उन्हें दिखाई देने लगा था।

शिक्षा
ज़ोहरा और उनकी बहन दोनों ने लाहौर के क्वीन मैरी कॉलेज से पढ़ाई की। ज़ोहरा जर्मनी में मैरी विगमैन के बैले स्कूल में जाने वाली पहली भारतीय बनीं। उन्होंने तीन सालों तक आधुनिक नृत्य की शिक्षा ली।

व्यक्तिगत जीवन
ज़ोहरा सहगल ने कामेश्वर सहगल से शादी की थी। जोहरा के दो बच्चे हुए बेटी किरण और बेटा पवन .

करियर
जोहरा ने बतौर नृत्यांगना वर्ष 1935 में करियर की शुरुआत की थी। जोहरा ने पृथ्वीराज कपूर के पृथ्वी थिएटर में 14 साल तक नाटकों में अभिनय किया और इसके बाद फिल्मों में आईं। फिल्मों में आने के बाद भी जोहरा ने रंगमंच का दामन नहीं छोड़ा। उन्होंने 75 की उम्र के बाद ‘दिल से’, ‘हम दिल दे चुके सनम’, ‘चीनी कम’, ‘कभी खुशी कभी गम’ और ‘वीर-जारा’जैसी फिल्मों में यादगार अभिनय किया। सात दशक तक हिंदी सिनेमा में अपना योगदान देने वाली जोहरा की अंतिम फिल्म 2007 में आई ‘सांवरिया’ थी।

निधन
ज़ोहरा सहगल का निधन 10 जुलाई 2014 को 102 वर्ष की आयु में नई दिल्ली में हुआ था।

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