Birth Anniversary: मार्क्सवादी क्रांतिकारी नेता थे अभिनेता उत्पल दत्त, थियेटर से लेकर फिल्मों तक अपनी शानदार अभिनय से जीता लोगों का दिल
विलेन से लेकर कॉमेडी तक हर किरदार में फिट बैठते थे उत्पल दत्त
नई दिल्ली। सख्त चेहरे के साथ पर्दे पर कॉमेडी करने वाले उत्पल दत्त.. ना सिर्फ एक बेहतरीन एक्टर थे, बल्कि एक मार्क्सवादी क्रांतिकारी थे। उत्पल दत्त एक सफल अभिनेता होने के अलावा एक बेहतरीन फिल्म निर्देशक, नाटककार, रंगमंच अभिनेता, थियेटर निर्देशक और कॉमेडियन भी थे। इतना ही नहीं उन्होंने हिंदी फिल्मों के अलावा कई बंगाली फिल्मों में भी काम किया था और बंगाली राजनीति पर कई किताबें भी लिखी थी। उनकी शानदार अभिनय प्रतिभा के कारण ही आज भी वे लोगों के दिल पर राज करते है। आज उत्पल दत्त की 93वें जयंती पर आइए जानते है उनके जीवन के कुछ रोचक बातें……..
जीवन परिचय
उत्पल दत्त का जन्म 29 मार्च 1929 को ‘बारिसल’ बंगाल में हुआ था। उत्पल के पिता नाम ‘गिरिजारंजन दत्त’ था।
शिक्षा
उत्पल ने कलकत्ता के ‘सेंट जेवियर्स’ कॉलेज में अंग्रेजी साहित्य का अध्ययन किया।
व्यक्तिगत जीवन
उत्पल ने साल 1960 में थियेटर और फिल्म अभिनेत्री शोभा सेन से शादी रचाई। दोनों की एक बेटी भी है, जिसका नाम ‘बिश्नुप्रिया दत्त’ है।
करियर
उत्पल दत्त ने 1940 में अंग्रेजी थियेटर से जुड़कर अभिनय की शुरुआत की थी। इसके बाद 1947 में वहीं ‘शेक्सपियर’ की स्थापना हुई। इसके बाद बंगाली नाटक करने लगे। फिर बंगाली फिल्मों में कदम रखा। उत्पल दत्त ना सिर्फ स्टेज पर नाटक का मंचन करते थे बल्कि इसे लिखा भी करते थे। उन्होंने कई नाटकों का निर्देशन और लेखन भी किया। बंगाली राजनीति पर लिखे उनके नाटकों ने कई बार विवाद को भी जन्म दिया। आपातकाल में उन्होंने तीन नाटक लिखे। ‘बैरीकेड’, ‘सिटी ऑफ नाइटमेयर्स’, ‘इंटर द किंग’ जिसे तत्कालीन सरकार ने बैन कर दिया था।
उत्पल दत्त बॉलीवुड में 1950 में एंट्री ली। ‘गोलमाल’, ‘नरम गरम’, ‘रंग बिरंगी’, ‘शौकीन’ और ‘गुड्डी’ जैसी बेहतरीन फिल्में उन्होंने दी। इसके अलावा वो अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘सात हिंदुस्तानी ’ में भी नजर आए।
उपलब्धियां
1970 में ‘भुवन शोम’ के लिए उत्पल दत्त को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। इसके अलावा फिल्म ‘गोलमाल’ के लिए उनको फिल्मफेयर बेस्ट कॉमेडियन के अवार्ड से नवाजा गया था।
निधन
19 अगस्त 1993 को उत्पल दत्त का दिल का दौरा पड़ने के कारण निधन हो गया।