तालाबों के सौंदर्यीकरण के नाम पर अरबों रूपए भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए, सरकार अपनी स्थिति स्पष्ट करे: अदित्य देवीलाल

ऐलनाबाद, 12 मार्च( एमपी भार्गव ): बजट सत्र के चौथे दिन इनेलो द्वारा दिए गए अवैध तरीके से कबूतरबाजी और गांवों के तालाबों में दूषित पानी बारे दो ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा की गई। सदन में इनेलो विधायक दल के नेता अदित्य देवीलाल ने गांवों के तालाबों में दूषित पानी की स्थिति पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर बोलते हुए कहा कि आज गावों का गंदा पानी तालाबों में छोड़ा जा रहा है। सरकार द्वारा तालाबों के सौंदर्यीकरण के लिए अमृत सरोवर योजना चलाई गई है और अरबों रूपए खर्च करने के बावजूद तालाबों की स्थिति में कोई सुधार नहीं आया है। इससे स्पष्ट प्रतीत होता है कि सौंदर्यीकरण के नाम पर खर्च किए गए अरबों रूपए भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए हैं। गांव के लोगों में सरकार के प्रति भारी रोष है। सरकार अपनी स्थिति स्पष्ट करे।
सप्लीमेंट्री प्रश्न पूछते हुए कहा कि सरकार जवाब दे कि अमृत सरोवर योजना के तहत तालाब प्राधिकरण का गठन किया गया तो तालाब प्राधिकरण ने ग्राउंड वाटर रिचार्ज करने और पीने के स्वच्छ पानी के लिए क्या काम किया? दूसरा सप्लीमेंट्री प्रश्न पूछा कि तालाबों की कितनी कैपेसिटी बढ़ाई गई? तीसरा जो मंत्री ने बताया कि 2200 तालाबों के सौंदर्यीकरण पर 580 करोड़ रूपए खर्च किए गए हैं लेकिन बावजूद इसके तालाब दूषित हैं तो स्पष्ट है कि बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है। इस भ्रष्टाचार में कितने ठेकेदारों को पकड़ा गया? कितनी अनियमितताओं की रिपोर्ट बनी? सरकार अपनी स्थिति स्पष्ट करे।
कबूतरबाजी करके एजेंट भोले भाले बेरोजगार युवाओं से लाखों रूपए ऐंठने का काम कर रहे हैं: अर्जुन चौटाला

अवैध तरीके से विदेश भेजकर कबूतरबाजी करने वाले एजेंटो के खिलाफ कार्रवाई बारे ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर बोलते हुए इनेलो विधायक अर्जुन चौटाला ने कहा कि अवैध तरीके से कबूतरबाजी द्वारा हरियाणा के हजारों युवाओं को अमेरिका भेजा गया और अभी भी जारी है। कबूतरबाजी करके एजेंट भोलेभाले बेरोजगारी से मजबूर युवाओं से लाखों रूपए ऐंठने का काम कर रहे हैं। हाल ही में अमेरिका ने अवैध रूप से गए लोगों को हथकडिय़ां लगाकर बेइज्जत करके वापिस भेजा है। सरकार यह बताए कि कबूतरबाजी द्वारा अवैध रूप से भेजने वाले एजेंटों के खिलाफ अब तक क्या कार्रवाई की गई है? जिन युवाओं को डिपोर्ट करके वापिस भेजा है उन्हें दोबारा सैटल करने की क्या योजना है?
सप्लीमेंट्री प्रश्न पूछते हुए अर्जुन चौटाला ने कहा कि पेहवा के नंद कॉलोनी का एक युवा जिसकी लाश डेढ़ साल बाद बर्फ में दबी हुई मिली। जब डीएनए टेस्ट करके लाश उसके परिवार तक पहुंचाई गई तो उसके परिवार ने केस किया कि उस लडक़े को मानव तस्करी करने वालों को बेच दिया गया था। उसके बाद मानव तस्करों ने उस लडक़े से गुलाम मजदूरी करवाने के बाद उसको मारके जंगल में फेंक दिया था। हम सदन के माध्यम से यह जानना चाहते हैं कि जिस एजेंट ने ऐसा घिनौना अपराध किया है, क्या उस एजेंट पर मानव तस्करी का केस लगाया गया है या नहीं? कोई कार्रवाई की है या नहीं?
दूसरा सप्लीमेंट्री प्रश्न पूछा कि 2022 में सरकार ने ओवरसीज प्लेसमेंट सेल बनाया था। अक्टूबर 2022 से लेकर आजतक इस सेल द्वारा कितने युवाओं को रोजगार के लिए विदेश में भेजा गया है?

राज्यपाल अभिभाषण पर अर्जुन चौटाला ने बीजेपी सरकार को घेरा
सरकार ने सदन में एमएसपी पर 24 फसलें खरीदने, फसल बीमा योजना और सरकारी नौकरियां देने पर कोरा झूठ बोला है: अर्जुन चौटाला
इसके बाद राज्यपाल अभिभाषण पर बोलते हुए अर्जुन चौटाला ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण द्वारा सरकार ने सिर्फ झूठे आंकड़े सदन में रखे हैं। सरकार दावा करती है कि हरियाणा एकमात्र प्रदेश है जो 24 फसलों को एमएसपी पर खरीदता है। तो फिर खोपरा, नाइजर सीड, कुसुम, रागी और जूट की फसल जो हरियाणा में होती ही नहीं है उनको कैसे एमएसपी पर खरीदा? फिर यह भी दावा किया गया कि हरियाणा सरकार ने 12 लाख किसानों की फसल एमएसपी पर खरीद कर 1 लाख 25 हजार करोड़ रूपए किसानों के खाते में डाले। इसमे सरकार ने किसानों पर कोई एहसान नहीं किया क्योंकि यह राशि किसानों की फसल की कीमत है। अगर किसान कहीं और भी अपनी फसल को बेचेगा तो भी उसको फसल की कीमत मिले कीगी। सरकार की उपलब्धि तब होती जब सरकार एमएसपी पर बोनस देकर फसल खरीदती। सरकार एमएसपी की बात करती है लेकिन कभी यह देखा है कि किसान का खर्चा कितना लग रहा है। पिछले दस सालों में एमएसपी पर लगभग 16 प्रतिशत बढ़ोतरी की गई है। जब बात खर्चे की आती है तो पिछले दस साल में जहां डीएपी का रेट बढ़ाया है वहीं 50 किलो के कट्टे को 40 किलो कर दिया है। दवाइयों और डीजल का रेट बढ़ा है। धातु जिससे खेती के उपकरण बनते हैं उसका रेट 10 साल पहले 3700 रूपए प्रति क्विंटल था जो अब बढक़र 6000 रूपए प्रति क्विंटल हो गया है। पहले टैक्स नहीं लगता था लेकिन अब जीएसटी लगाया जाता है। इसलिए किसान स्वामीनाथन रिपोर्ट में जो एमएसपी सी2+50 प्रतिशत दी जाने की सिफारिश की गई है उसकी मांग कर रहा है। सरकार फसल बीमा योजना से किसानों को लाभ देने की बात करती है लेकिन सरकार के दावों के उलट किसानों को फसल बीमा नहीं मिल रहा है। भिवानी और दादरी में किसानों को फसल नुकसान का 281 करोड़ रूपए का क्लेम की घोषणा की गई थी। सरकार ने इसकी स्टेट टेक्निकल एडवाइजरी से सिफारिश मांगी गई। 1 अगस्त 2024 को इस कमेटी को भंग कर दिया गया बावजूद इसके उस कमेटी ने 20 अगस्त 2024 को 200 करोड़ रूपए का क्लेम रद्द कर दिया और सरकार ने इस अवैध निर्णय की स्वीकृति भी दे दी। पिछले 5 सालों में बागवानी में लगभग 350 करोड़ रूपए की कटौती की गई है। बागवानी का जो बजट 1100 करोड़ रूपए होता था उसे घटाकर लगभग 680 करोड़ रूपए कर दिया है। इस कटौती के कारण बागवानी का जो उत्पादन 14 लाख एमटी था वो आधा घटकर 7 लाख एमटी हो गया है। सिरसा में 1800 हेक्टेयर में प्रॉन की खेती होती है जिसको बढ़ाकर 5000 हेक्टेयर तक किया जा सकता है। सरकार ने प्रॉन की खेती को बढ़ावा देने के लिए रिसर्च प्रोजेक्ट की मंजूरी दी। उस रिसर्च प्रोजेक्ट को गंदी राजनीति के तहत लोहारू में लगा दिया गया जहां पर मात्र 300 हेक्टेयर की खेती होती है। इससे सरकार और किसान दोनों को नुकसान हुआ है। यह सीधा प्रदेश की किसानों के साथ धोखा है। सरकार ने गुरूग्राम के विकास के बड़े बड़े दावे किए और मेज थपथपाई। अगर गुरूग्राम का असली आर्किटेक्ट कोई है तो वो चौ. ओमप्रकाश चौटाला हैं।
यह चौ. ओमप्रकाश चौटाला का विजन था कि आज गुरूग्राम देश का अग्रणी आईटी सेंटर है। दूनिया की बड़ी बड़ी आईटी कंपनियों के हेड ऑफिस आज गुरूग्राम में हैं। हकीकत यह है कि बीजेपी का सिर्फ इतना ही रोल है कि इन्होंने गुडग़ांव का नाम बदल कर गुरूग्राम किया है। सेक्टर 47 में स्कूल की साइट अलॉट की गई थी लेकिन मिलीभगत करके वह जमीन को बिल्डर को दे गई जहां आज एक फ्लैट 9 करोड़ रूपए का है। सरकार दावा कर रही है कि 1लाख 75 हजार नौकरियां बिना खर्ची पर्ची के दी। हम जानना चाहते हैं कि क्या ये नौकरियां पुराने खाली पड़े पदों पे दी गई हैं या नए पद सृजित करके दी गई हैं। अगर पुराने रिक्त पदों पर दी गई हैं तो इससे बेरोजगारी घटी नहीं है बल्कि स्टेटस क्वो हो गया है। आज हरियाणा में बेरोजगारी की दर 34.1 प्रतिशत है।