रेलवे यात्रियों के लिए बड़ी सुविधा: अब सिर्फ 139 हेल्पलाइन नंबर से मिलेगी हर मदद
नई दिल्ली: भारतीय रेलवे (Indian Railway) दुनिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है, जहां हर दिन लाखों लोग सफर करते हैं। यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने अपनी हेल्पलाइन सेवाओं को और आसान बना दिया है। अब सफर के दौरान किसी भी समस्या के लिए अलग-अलग हेल्पलाइन नंबर डायल करने की जरूरत नहीं होगी। रेलवे ने सभी हेल्पलाइन नंबरों को खत्म कर एक ही नंबर 139 को इंटीग्रेटेड हेल्पलाइन नंबर बना दिया है।
139 हेल्पलाइन नंबर से किन समस्याओं का समाधान होगा?
रेलवे के नए इंटीग्रेटेड हेल्पलाइन नंबर 139 के जरिए यात्री विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए मदद मांग सकते हैं, जैसे:
- ट्रेन में सुरक्षा से जुड़ी समस्या
- ट्रेन के आगमन और प्रस्थान की जानकारी
- ट्रेन लेट होने का कारण
- किसी भी तरह की शिकायत
- माल या पार्सल से जुड़ी पूछताछ
- मेडिकल सुविधा की जरूरत
- स्टेशन पर साफ-सफाई की शिकायत
- ट्रेन हादसे की जानकारी
- रेलवे मामलों से जुड़ी किसी जांच की जानकारी
कैसे करें 139 हेल्पलाइन नंबर का इस्तेमाल?
यात्रियों को किसी भी समस्या के लिए 139 डायल करना होगा और वॉयस असिस्टेंट के निर्देशों का पालन करना होगा:
1 दबाएं – सुरक्षा और मेडिकल हेल्प के लिए
2 दबाएं – ट्रेन की स्थिति और पूछताछ के लिए
4 दबाएं – सामान्य शिकायतों के लिए
5 दबाएं – विजिलेंस से जुड़ी शिकायतों के लिए
6 दबाएं – माल और पार्सल से जुड़े सवालों के लिए
7 दबाएं – IRCTC ट्रेनों से जुड़े सवालों के लिए
9 दबाएं – शिकायत का स्टेटस जानने के लिए
* दबाएं – सीधे कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव से बात करने के लिए
पहले यात्रियों को होती थी परेशानी
पहले रेलवे में अलग-अलग समस्याओं के लिए अलग-अलग हेल्पलाइन नंबर थे:
- रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और मेडिकल हेल्प के लिए 139
- महिलाओं की सुरक्षा के लिए 182
- चाइल्डलाइन हेल्पलाइन के लिए 1098
- शिकायत दर्ज कराने या फीडबैक देने के लिए 138
- अब इन सभी नंबरों को हटाकर सिर्फ 139 हेल्पलाइन नंबर को लागू कर दिया गया है, जिससे यात्रियों को ज्यादा सुविधा होगी।
24 घंटे, 12 भाषाओं में मदद
रेलवे का 139 इंटीग्रेटेड हेल्पलाइन नंबर 24 घंटे उपलब्ध रहेगा और इसे 12 भाषाओं में ऑपरेट किया गया है। यह IVRS (Interactive Voice Response System) पर आधारित है और इसे स्मार्टफोन, साधारण फोन या लैंडलाइन से भी डायल किया जा सकता है।
रेलवे का यह कदम यात्रियों के लिए काफी उपयोगी साबित होगा। अब एक ही नंबर से यात्रियों को हर तरह की सहायता मिलेगी, जिससे उनकी यात्रा और भी आसान और सुरक्षित होगी।