पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की को शारीरिक संबंध बनाने की इजाजत नहीं

पटना। पटना हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की को शारीरिक संबंध बनाने की इजाजत नहीं..दरअसल पटना हाईकोर्ट में एक शख्स ने अपनी पत्नी की कस्टडी मांगते हुए याचिका दाखिल की। याचिका में कहा कि वो अपनी नाबालिग पत्नी को साथ रखना चाहता है। हालांकि हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी और कहा कि नाबालिग पत्नी को साथ रखने का दावा करने के लिए पति के पास कोई अंतर्निहित अधिकार नहीं है।

क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक, याचिकाकर्ता ने एक 14 साल यानी नाबालिग लड़की से शादी की थी और उनकी एक संतान भी है। जिस पर आपत्ति जताते हुए नाबालिग लड़की के माता-पिता ने याचिकाकर्ता पर केस कर दिया और इस केस में अदालत ने नाबालिग लड़की को महिलाओं के लिए बने आश्रय गृह में रखने का आदेश दिया।
हालांकि, नाबालिग लड़की ने माता-पिता के घर जाने से इंकार कर दिया, और कोर्ट से अपने पति केस साथ ही रहने की इच्छा जाहिर की। वहीं मामले में पति (याचिकाकर्ता) ने कहा कि नाबालिग लड़की ने उससे अपनी मर्जी से शादी की है, इसलिए उसे साथ रखने की इजाजत दी जाए।

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि हमारा मानना है कि पति द्वारा बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeous Corpus on illegeal detention) की रिट दायर कर पत्नी की कस्टडी की मांग करने का कोई अंर्तनिहित अधिकार नहीं है। पत्नी, अगर एक नाबालिग (18 वर्ष से कम उम्र) है, और उसे माता-पिता के घर अपनी जान खोने का डर है, तो कोर्ट उसे बालिग होने तक महिलाओं के आश्रय घर भेज सकती है.

कोर्ट ने ये भी कहा कि एक बच्ची, जिसकी उम्र 18 वर्ष से कम हो, और उसे माता-पिता के घर अपने जान जाने का डर है, तो बाल कल्याण समिति (Child Welfare Committee) के सामने प्रस्तुत कर जुवेनाइल जस्टिस (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 {Juvenile justice (Care and Protection of children) ACt, 2015} के अंतर्गत सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए। साथ ही किसी भी परिस्थिति में भी 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की को शारीरिक संबंध बनाने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।

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