हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इसी दिन मां सरस्वती का प्राकट्य हुआ था, इसलिए इस दिन मां सरस्वती की पूजा का विशेष महत्व है। मां सरस्वती को ज्ञान और वाणी की देवी कहा जाता है, और जिन पर उनकी कृपा होती है, उन्हें शिक्षा और करियर में सफलता प्राप्त होती है।
कब है बसंत पंचमी 2025?
इस वर्ष बसंत पंचमी का पर्व 2 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि बसंत पंचमी पर पीले रंग के कपड़े पहनने की परंपरा क्यों है? आइए जानते हैं इसके पीछे छिपे धार्मिक, ज्योतिषीय और सांस्कृतिक कारण।
बसंत पंचमी पर क्यों पहना जाता है पीला रंग?
🔸 धार्मिक मान्यता:
पीला रंग भगवान सूर्य का प्रतीक माना जाता है। जिस प्रकार सूर्य की किरणें अंधकार का नाश करती हैं, उसी प्रकार यह रंग मनुष्य के हृदय में बसी नकारात्मकता को दूर कर सकारात्मकता का संचार करता है।
🔸 ज्योतिषीय कारण:
ज्योतिष शास्त्र में पीले रंग को बुद्धि, ज्ञान और मनोबल को बढ़ाने वाला माना गया है। गाढ़ा पीला रंग सकारात्मक ऊर्जा और सफलता की ओर ले जाता है, जबकि हल्का पीला रंग कमजोर बुद्धि का संकेत माना जाता है।
🔸 भगवान विष्णु और गणेश से जुड़ाव:
भगवान विष्णु का पीतांबर (पीला वस्त्र) उनके असीम ज्ञान और दिव्यता का प्रतीक है। इसी तरह, भगवान गणेश भी अधिकतर पीली धोती धारण किए रहते हैं, जो सभी मंगल कार्यों और ज्ञान प्राप्ति के प्रतीक माने जाते हैं।
🔸 प्राकृतिक कारण:
बसंत पंचमी के समय खेतों में सरसों के पीले फूल लहराने लगते हैं, आम के पेड़ों पर बौर आ जाते हैं, और हर ओर रंग-बिरंगी तितलियां मंडराने लगती हैं। यह रंग प्राकृतिक सौंदर्य और उत्सव के माहौल को दर्शाता है।
बसंत पंचमी का महत्व
बसंत पंचमी का त्योहार मौसम परिवर्तन से भी जुड़ा हुआ है।
इस दिन मां सरस्वती, भगवान विष्णु और कामदेव की पूजा का विशेष महत्व होता है।
विद्यार्थियों, कलाकारों और लेखकों के लिए यह विशेष दिन माना जाता है, क्योंकि यह ज्ञान, रचनात्मकता और सकारात्मकता का पर्व है।
बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की आराधना करने से व्यक्ति के जीवन में ज्ञान, समृद्धि और खुशहाली का संचार होता है। इस दिन पीले वस्त्र पहनने और पीले भोजन (केसर युक्त खीर, हलवा, बेसन के लड्डू) का विशेष महत्व है।
(डिस्क्लेमर: यह लेख धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिषीय धारणाओं पर आधारित है। khabre junction इसकी पुष्टी नही करता है)