बांग्लादेश इस्कॉन (इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कंश्यसनेस) ने गुरुवार को चिन्मय प्रभु को सभी पदों से हटा दिया। संगठन के जनरल सेक्रेटरी चारू चंद्र दास ब्रह्मचारी ने चिन्मय प्रभु पर अनुशासनहीनता के आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी गतिविधियों का इस्कॉन से कोई संबंध नहीं है।
चारू चंद्र दास ब्रह्मचारी ने स्पष्ट किया कि चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी को लेकर जो प्रदर्शन हुए थे, और जिनमें वकील सैफुल इस्लाम अलिफ की मौत हुई, उनका इस्कॉन से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा, “बांग्लादेश में हो रहे प्रदर्शनों में इस्कॉन का कोई रोल नहीं है। हमें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है, और एक रोड एक्सीडेंट में हुई मौत को भी इस्कॉन से जोड़ा जा रहा है, जो पूरी तरह से गलत है।”
इस मामले में बांग्लादेश इस्कॉन ने चिन्मय प्रभु के खिलाफ सख्त कदम उठाया और उसे संगठन से बाहर कर दिया, ताकि किसी भी तरह की अनुशासनहीनता को रोका जा सके और संगठन की छवि को बनाए रखा जा सके।