बदायूं सांसद आदित्य यादव ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, सूरजकुंड में भगवान बुद्ध की प्रतिमा तोड़े जाने की घटना पर कड़ी कार्रवाई की अपील
बदायूं: समाजवादी पार्टी के सांसद आदित्य यादव ने अपने लोकसभा क्षेत्र 23-बदायूं स्थित ग्राम मझिया में सम्राट अशोक पर्यटक स्थल बुद्ध बिहार, सूरजकुंड में भगवान बुद्ध की प्रतिमा तोड़े जाने और वहां रहने वाले बौद्ध भिक्षुओं के साथ दुर्व्यवहार के संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।
सांसद आदित्य यादव ने अपने पत्र में बताया कि सम्राट अशोक पर्यटक स्थल बुद्ध बिहार, सूरजकुंड, मझिया (बदायूं) में भगवान बुद्ध ने अपने समय में वर्षावास किया था और बौद्ध वृक्ष के नीचे बैठकर अपने अनुयायियों को उपदेश दिए थे। यहां पर कई प्राचीनकाल के बुद्ध स्तूप भी स्थित हैं। लंबे समय से यहां बौद्ध भिक्षु रहकर भगवान बुद्ध की पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं।
सांसद ने आगे लिखा कि वर्ष 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा इस स्थल को सम्राट अशोक बुद्ध पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया था ताकि इस ऐतिहासिक और पौराणिक धरोहर का संरक्षण किया जा सके। समाजवादी पार्टी की सरकार ने इस पर्यटक स्थल का सौंदर्यीकरण और जीर्णोद्धार भी कराया था।
लेकिन 7 दिसंबर 2024 को कुछ असामाजिक तत्वों ने बुद्ध बिहार पहुंचकर वहां रह रहे बौद्ध भिक्षुओं और भंते गण के साथ अभद्र व्यवहार किया और अफवाह फैलायी कि यहां शिवलिंग निकला है। इसके बाद उन असामाजिक तत्वों ने चौकी इंचार्ज जवाहरपुरी और इंस्पेक्टर सिविल लाइन्स, बदायूं को बुलाया। चौकी इंचार्ज ने भगवान बुद्ध की प्रतिमा तोड़ने का प्रयास किया, सीसीटीवी कैमरे तोड़े, भिक्षुओं का सामान बाहर फेंककर उन्हें भगा दिया और फिर अपना ताला लगा दिया। इस घटना के बाद भंते गण को थाने ले जाकर बंद कर दिया और एकतरफा कार्यवाही की गई।
सांसद आदित्य यादव ने मुख्यमंत्री से इस गंभीर घटना का संज्ञान लेने और बौद्ध भिक्षुओं को पुनः सम्राट अशोक पर्यटक स्थल बुद्ध बिहार, सूरजकुंड मझिया, बदायूं में स्थापित करने की अपील की। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और मामले की निष्पक्ष जांच कराने का अनुरोध किया।
सांसद ने अपने ट्वीट में भी इस घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए लिखा कि ग्राम मझिया स्थित प्राचीन ऐतिहासिक स्थल सूरजकुंड पर कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा बौद्ध स्तूप को कब्जा करने की नीयत से तोड़फोड़ की घटना सामने आई है और वहां रहने वाले बौद्ध भिक्षुओं और भंते गण के साथ दुर्व्यवहार किया गया है।